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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में कोरोना फिर बरपा रहा कहर, हर हफ्ते आ रहे हैं इतने नए केस

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नई दिल्ली। अमेरिका में रोजाना नए कोविड -19 मामलों की वर्तमान सात-दिवसीय औसत 150,000 से ज्यादा है, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 4.9 प्रतिशत अधिक है। ये आंकड़े रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की ताजा रिपोर्ट में सामने आए हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के हवाले से कहा कि वर्तमान सात-दिवसीय औसत 153,246 थी, जो लगभग एक साल पहले देखे गए आंकड़े से 123.6 प्रतिशत अधिक थी और 18 जून, 2021 को सबसे कम रिकॉर्ड से 1,217.0 प्रतिशत अधिक थी।

शनिवार की सुबह तक, देश में कुल मामले और मरने वालों की संख्या क्रमश: 39,848,170 और 647,573 है। 25-31 अगस्त को नए अस्पताल में दाखिले का वर्तमान सात-दिवसीय दैनिक औसत 12,156 था, जो पिछले सात दिनों के औसत से 1.7 प्रतिशत अधिक था।

नई मौतों की वर्तमान सात-दिवसीय औसत 1,047 थी, जो पिछले सात-दिवसीय औसत की तुलना में 3.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। देश ने अब तक 37.21 करोड़ वैक्सीन की खुराकें दी है।

कुल मिलाकर, लगभग 20.59 करोड़ लोग, या कुल अमेरिकी आबादी के 62 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक खुराक मिल चुकी हैं। लगभग 17.5 करोड़ लोगों, या कुल अमेरिकी आबादी के 52.7 प्रतिशत लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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