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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान के पूुर्व मंत्री को जर्मनी में डिलीवर करना पड़ रहा पिज्जा, फोटो वायरल

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नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जे के बाद हालात बद से बदतर हो होते जा रहे हैं। आम नागरिक के साथ क्या वहां के सत्ताधारी नेता भी देश देश छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। काबुल पर कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी यूएई में हैं।

वहीं अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री को देश से बाहर संघर्ष भरा जीवन जीना पड़ रहा है। कभी सूट-बूट पहनकर, चारों ओर सुरक्षा के घेरे में रहने वाले मंत्री को हालात ने इतना मजबूर कर दिया है कि अब वह जर्मनी की सड़कों पर पिज्जा डिलिवरी का काम कर रहे हैं।

अल जजीरा अरबी ने अपने ट्विटर हैंडल से अफगानिस्तान के पूर्व आईटी मंत्री सैयद अहमद शाह सादत की तस्वीरें ट्वीट की हैं और बताया है कि वह अब जर्मनी में फूड डिलिवरी का काम कर रहे हैं। सादत की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

जर्मन मीडिया की खबरों के मुताबिक, सादत अब जर्मनी के ‘लीफरांदो नेटवर्क’ के लिए काम कर रहे हैं और वह जर्मनी के लिपजिग शहर में साइकल से लोगों को पिज्जा पहुंचाते हैं।

हालांकि, सादत ने बीते साल ही अफगान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। वह साल 2018 से कैबिनेट मंत्री थे लेकिन अफगानिस्तान की गनी सरकार में उनकी खास नहीं बनी और फिर साल 2020 में उन्हें मजबूरन इस्तीफा देना पड़ा। इस्तीफे के बाद वह जर्मनी जाकर रहने लगे।

इससे पहले उन्होंने साल 2005 से 2013 तक अफगानिस्तान में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के मुख्य तकनीकी सलाहकार सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था। सादत 2016 से 2017 तक लंदन में ‘एरियाना टेलीकॉम’ के सीईओ पद पर भी रह चुके हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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