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प्रादेशिक

संजय सिंह के आरोप पर महेंद्र सिंह का पलटवार, बोले- अनपढ़ों की तरह फ़र्ज़ी आरोप ना लगाएं आप नेता

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लखनऊ। जल शक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह के जल जीवन मिशन में घोटाले वाले बयान को गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि हवा में अशिक्षितों की तरह आरोप लगान वाले संजय सिंह को बिना सोचे समझे और नियमों की जानकारी लिये बिना गलत आरोप नहीं लगाने चाहिये। उनको पता होना चाहिये कि यह योगी जी की सरकार है जिसमें घोटालों और भ्रष्टाचारों की कोई जगह नहीं है। डॉ. महेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि दिल्ली की आप सरकार ही देश में भर में घोटालों और भ्रष्टाचार के लिये बदनाम है।

जल शक्ति मंत्री ने कहा है कि जल जीवन मिशन के कार्य ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कन्स्ट्रक्शन) मोड पर कराया जा रहा हैं। कार्यों को कराने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले वेन्डर्स और शीर्ष कम्पनियों का चयन ओपन कम्पटेटिव बिडिंग के माध्यम से किया गया है। उन्होंने कहा है कि इन वेन्डर्स के माध्यम से प्रदेश में सोलर बेस्ड पाइप वाटर स्कीम का निर्माण कराया जा रहा है। फर्मस को अगले 10 वर्ष तक इन प्रोजेक्ट का रख-रखाव व संचालन करने भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उन्होंने कहा कि साम्रगी की गुणवत्ता की जाँच टीपीआई द्वारा करायी जाती है। सभी वेन्डर्स को यह निर्देश दिये गये हैं कि उच्च गुणवत्ता की सामग्री क्रय करें। ब्लैक लिस्टेड कम्पनियों से सामग्री क्रय न करें और वांछित सभी प्रकार के तकनीकी निरीक्षण कराना सुनिश्चित किया गया है। इन सभी बातों का अनुपालन टीपीआई के माध्यम से किया जा रहा है।

जल शक्ति मंत्री ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता की ओर से इस प्रकार से लगाए जाने वाले आरोप पूर्णतः मिथ्या है। विभाग द्वारा किसी फर्म को पाइप आपूर्ति के आदेश नहीं दिये गये हैं। यह कार्य ईपीसी मोड पर होने के कारण गुणवत्ता परक तरीके से किया जा रहा है। कान्ट्रेक्टर्स की जिम्मेदारी है, जिसकों अगले 10 वर्ष तक स्कीम का रख-रखाव एवं संचालन भी करना है।

उन्होंने कहा कि सभी टेन्डर की पूर्ण सूचना विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसमें शुरू से ही पूर्ण पारदर्शिता रखी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जल जीवन मिशन लागू होने के उपरान्त वृहद स्तर पर पाइप पेयजल योजना से कवरेज करने वाले बड़े प्रदेशों में से उत्तर प्रदेश की दरें न्यून है और आध्रप्रदेश में 1.85 प्रतिशत व मध्यप्रदेश में 1.71 प्रतिशत की दर पर टीपीआई का चयन हुआ था, जबकि उत्तर प्रदेश में मात्र 1.33 प्रतिशत पर टीपीआई का चयन हुआ है।

उत्तर प्रदेश

अवध शिल्प ग्राम में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रिया को गति देगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उसे उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को हकीकत की शक्ल दे रही योगी सरकार प्रदेश के समेकित विकास के लिए लगातार कार्यरत है। एक ओर, प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश ने सीएम योगी के मार्गदर्शन में कदम बढ़ा दिए हैं, वहीं प्रदेश में उत्तम नागरिक सुविधाएं व वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में भी विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत कार्य हो रहा है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश में तीन यूनिटी मॉल के निर्माण का कार्य भी जारी है जिनमें लखनऊ, आगरा व वाराणसी मुख्य हैं। लखनऊ में अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल का निर्माण कार्य निरंतर जारी है तथा इस प्रक्रिया में और तेजी लाते हुए योगी सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए निविदा जारी कर दी हैं जिससे कार्यावंटन का मार्ग सुनिश्चित होगा।

पीएमसी निर्धारण से निर्माण प्रक्रिया में आएगी तेजी

योजना विभाग द्वारा अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए जिस पीएमसी को नियुक्त किया जाएगा वह कई मायने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। पीएमसी द्वारा रेगुलर मॉनिटरिंग और समय-समय पर दी जाने वाली रिपोर्ट्स न केवल इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निर्धारण में निर्णायक सिद्ध होगी बल्कि इसके जरिए सभी निर्माण कार्यों को ट्रैक करने व उसी आधार पर कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त होगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से निविदा प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और जुलाई के पहले हफ्ते में कार्यावंटन हो जाएगा। कार्यावंटन के बाद 75 दिनों में कन्सलटेंसी को आर्किटेक्चरल डिजाइन प्रस्तुत करना होगा जिस पर स्वीकृति के बाद 18 महीने में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) भी लागू रहेगा।

कई प्रकार के निर्माण कार्यों का मार्ग होगा सुनिश्चित

यूनिटी मॉल के निर्माण व विकास के लिए परियोजना के अंतर्गत कई संरचनात्मक कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अंतर्गत रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाएगा। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जाएगा।

200 नॉन एसी, 34 एसी शॉप्स का होगा निर्माण, 30 वर्ष की लीज पर होगा अलॉटमेंट

यूनिटी मॉल के विकास की जो कार्ययोजना क्रियान्वित की जा रही है, उसके अनुसार परिसर में 200 नॉन एसी तथा 34 एसी शॉप्स का निर्माण किया जाएगा। इन दुकानों को 30 वर्ष की लीज पर अलॉट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यूनिटी मॉल में एग्जिबिशन हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, फूड कोर्ट, वातानुकूलित एट्रियम, फायर एग्जिट समेत तमाम निर्माण कार्यों को पूर्ण जाएगा। 60 करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय के जरिए इस पूरी परियोजना पूर्ण किया जाएगा।

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