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कोरोना से जंग के लिए डॉक्टरों ने ढूंढा जबरदस्त जुगाड़, ऐसे कर रहे लोगों का इलाज
नई दिल्ली। कोरोना वायरस भारत में तेजी से फैल रहा है। यहां अब तक 6700 से ज्यादा लोगो इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं जबकि 199 लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं।
भारत के डॉक्टर दिन रात लोगों को बचाने की कोशिश में जुटे हैं। इस दौरान उन्हें कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। कुछ जगहों पर इलाज के दौरान डॉक्टर भी इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा और अधिक ज्यादा बढ़ गया है।
इस परेशानी को देखते हुए यूपी के महोबा जिले के डॉक्टरों ने कोरोना से बचने का जुगाड़ ढूंढ निकाला है। नए जुगाड़ की मदद से डॉक्टर्स लोगों का सैंपल ले रहे हैं।
दरअसल, साउथ की मूवी से प्रेरित होकर जिला अस्पताल के डॉक्टर गुलशेर ने इलाज का यह तरीका अपनाया है। यहां डॉक्टरों ने कोरोना वायरस संक्रमण की बीमारी से खुद को बचाने के लिए एक एल्यूमीनियम की केबिन तैयार की है, जिसमें कांच लगाकर सोशल डिस्टेंस के लिए प्लास्टिक के दस्तानों को लगाया गया है।
इस कांच के केबिन में डॉक्टर और स्वास्थकर्मी खड़े हो जाते हैं और प्लास्टिक के दस्तानों में हाथ डालकर डॉक्टर मरीज का चेकअप करते हैं। इस जांच से फायदा यह है कि अगर मरीज कोरोना संक्रमित है तो डॉक्टरों के संक्रमण में आने का खतरा बेहद कम होता है।
डॉक्टरों ने इस जुगाड़ को ‘एयर टाइट केबिन फॉर सैंपल कलेक्शन’ नाम दिया है। इसी केबिन के माध्यम से मरीज का चेकअप किया जा रहा है। सीएमएस डॉक्टर आरपी मिश्रा बताते हैं कि इस केबिन के अंदर डॉक्टरों के हो जाने से सस्पेक्टेड मरीज द्वारा छींकने और खांसने से वायरस अंदर जाने की संभावना कम रहती है। इस केबिन में न तो हवा अंदर जा सकती है न उससे निकल सकती है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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