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अन्तर्राष्ट्रीय

इटली में जारी है कोरोना का कहर, अब तक हो चुकी है इतनी मौत

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के चलते इटली में आठ हजार से अधिक मौतें हो गईं हैं। लॉकडाउन हुए इटली में गुरुवार तक मरने वाले लोगों की कुल संख्या 8,165 रही, जबकि बीमारी से संक्रमित लोगों का कुल आंकड़ा 80,539 रहा।

सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़े से यह बात निकलकर सामने आई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट और टेक्निकल एंड साइंटिफिक कमेटी के कोऑर्डिनेटर अगस्टिनो मियोजो के हवाले से कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के नए मामले बुधावर की तुलना में कुल 4,492 अधिक रहे, जिसके बाद से देशभर में संक्रमित लोगों की संख्या 62,013 हो गई है।

रात को एक टेलीविजन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए अगस्टिनो ने आगे कहा कि संक्रमित लोगों में से 33,648 हाउस आइसोलेशन में हैं। वहीं 3,612 अस्पताल के आईसीयू में, जबकि अन्य 24,753 जनरल अस्पताल के वार्ड में भर्ती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बुधवार की तुलना में उपचार के बाद कुल 999 लोग पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए, जिसके बाद ठीक होने वाले लोगों की संख्या कुल 10,361 हो गई है।

वहीं, बुधवार और गुरुवार के बीच 662 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद 21 फरवरी को उत्तरी इटली में पहली बार महामारी शुरू होने के बाद से मरने वालों की कुल संख्या 8,165 हो गई।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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