अन्तर्राष्ट्रीय
आईएस ने अपने 4 कमांडरों को मारा
बगदाद। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इराक के उत्तरी प्रांत सलाहुद्दीन में अपने चार वरिष्ठ कमांडरों का सिर कलम कर दिया। आईएस का आरोप था कि ये चारों कमांडर, इराक के सरकारी बलों के साथ लड़ाई के दौरान वहां से भाग निकले थे।
‘इराकी न्यूज’ की वेबसाइट से शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार, नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि आईएस के मुखिया इब्राहिम-अल-समराय उर्फ अबू बकर अल-बगकदादी ने गोली मारने वाले दस्ते को आईएस के चार कमांडरों को इराक से लगभग 300 किलोमीटर दूर शिरकत शहर की सीमा पर गोली मारने का आदेश दिया था। आईएस ने इराक में जून, 2014 से अपना आतंक फैलाना शुरू किया था। भारी मात्रा में हथियारों से लैस आतंकवादी इराक की शिया, सुन्नी, कुर्द और ईसाई समुदायों के खिलाफ सामूहिक हत्याओं सहित बहुत से भयानक कार्य कर रहे हैं।
इराकी सैनिक, पुलिस इकाइयां, कुर्द बल, शिया स्वयंसेवी और सुन्नी आदिवासियों ने हाल ही में इराक के कुछ हिस्सों से आईएस को बाहर करने में सफल हुए हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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