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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में 5 आतंकवादी ढेर

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान में एक जांच चौकी पर हमला करने वाले कम से कम पांच आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। मीडिया रपट से यह जानकारी मिली। समाचार चैनल जियो न्यूज की की एक रपट के मुताबिक, आतंकवादियों ने उत्तरी वजीरिस्तान एजेंसी की दत्ता खेल तहसील में सुरक्षाकर्मियों की एक जांच चौकी पर हमला किया। सुरक्षाकर्मियों ने उनका मुंहतोड़ जवाब देते हुए पांच आतंकवादियों को मार गिराया।

इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में व्यापक तौर पर एक तलाशी अभियान चलाया।

इससे पहले, बलूचिस्तान प्रांत में एक श्रमिक शिविर पर शनिवार सुबह अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में 20 लोग मारे गए, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।

तुरबत के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) इमरान कुरैशी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने शिविर में सो रहे श्रमिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की।

उन्होंने यह भी कहा कि श्रमिक सिंध के निवासी थे और इलाके में एक पुल के निर्माण कार्य में हिस्सा ले रहे थे।

आईफा समारोह हर साल नई जगह पर आयोजित किया जाता है। इसके 15वें संस्करण का आयोजन अमेरिका के टेंपा बे में हुआ था।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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