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अन्तर्राष्ट्रीय

मुस्लिम देश का वो प्राचीन मंदिर जहां पीएम मोदी ने किए दर्शन

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इस्लामिक देश बहरीन पहुंचे। इसी के साथ पीएम मोदी इस इस्लामिक देश की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।

अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने रविवार को इस देश के 200 साल पुराने मंदिर में दर्शन किए। बहरीन की राजधानी मनामा में स्थित यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण का है।

200 साल पहले स्थापित किए गए इस मंदिर का नाम  श्रीनाथजी (श्री कृष्ण) मंदिर  है। हाल ही में मंदिर का नवीनीकरण किया गया है। जिसमें 42 लाख डॉलर (करीब 30 करोड़ रुपये) की लागत आई है।

थाटई हिंदू व्यापारी समुदाय के अध्यक्ष बॉब ठाकेर के अनुसार,  45,000 वर्ग फुट क्षेत्र में तीन मंजिला भवन के साथ मंदिर का नवीनीकरण किया जा रहा है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए 80 फीसदी अधिक क्षमता होगी। हालांकि पहले मंदिर की क्षमता कम थी।

उन्होंने बताया कि “मंदिर एक नॉलेज सेंटर के अलावा मंदिर से जुड़ा एक संग्रहालय भी है। थाटई हिंदू व्यापारी समुदाय के एक प्रमुख सदस्य भगवान असारपोटा ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री मंदिर के 200वें स्थापना वर्ष के उत्सव पर यहां का दौरा कर रहे हैं।”

बताया जाता है इस मंदिर की स्थापना 18वीं शताब्दी के दूसरे दशक में थाटई हिंदू व्यापारी समुदाय के लोगों की ओर से की गई थी। इसी समुदाय के लोग आज भी इस मंदिर की देखभाल करते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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