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अन्तर्राष्ट्रीय

रेप करने वालों को सरकार बनाएगी नपुंसक, इस राज्य ने बनाया नया कानून

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नई दिल्ली। बढ़ती रेप की घटनाओं को रोकने के लिए एक राज्य ने सख्त कानून बनाते हुए दोषियों को नपुंसक बनाने वाले इंजेक्शन लगाने का फैसला किया है।

ये राज्य अमेरिका का अलाबामा है। यहां रेप जैसी घटनाओं को रोकने के लिए ये नया कानून बनाया गया है। इस कानून के तहत 13 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ उत्पीड़न करने वालों को नपुंसक बनाने के इंजेक्शन लगाए जा सकते हैं या दवा दी जा सकती है।

कानून के मुताबिक, दोषियों को पैरोल पर छोड़े जाने से पहले नपुंसक्ता के इंजेक्शन लगाए जा सकते हैं। इंजेक्शन की वजह से व्यक्ति का सेक्स ड्राइव घट जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंजेक्शन लगाने के बाद इसका असर हमेशा के लिए नहीं रहेगा। बल्कि कुछ वक्त तक ही इसका असर हो सकता है। पैरोल लेने से करीब एक महीने पहले से ये इंजेक्शन लगाए जाएंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक इंजेक्शन का खर्च दोषी को ही देना होगा। अगर कोई शख्स इंजेक्शन लगवाने से इनकार करता है तो उसे पैरोल पर नहीं छोड़ा जाएगा। हालांकि दोषी का इंजेक्शन लगाना है या नहीं इस बात का फैसला कोर्ट करेगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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