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प्रादेशिक

शोभा डे के घर के बाहर शिवसेना का हंगामा, माफी मांगने को कहा

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मुंबई। महाराष्ट्र के सिनेमाघरों में शाम 6 से 9 बजे के शो में सिर्फ मराठी फिल्में दिखाए जाने के सरकारी फरमान का विरोध करने पर शिवसेना ने गुरुवार को मशहूर लेखिका शोभा डे के घर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। दक्षिण मुंबई के कुफे परेड मैदान के करीब स्थित शोभा डे के आवास के बाहर बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने शिवसैनिकों को हालांकि शोभा के घर में प्रवेश से रोकने के लिए बल प्रयोग किया और कई लोगों को हिरासत में लिया। शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक ने शोभा डे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस और राज्य के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी मांगने को कहा। वहीं शोभा डे ने कहा कि उन्होंने ट्विटर पर जो अपनी टिप्पणियां लिखी हैं,  उसे मिले समर्थन से वह अभिभूत हैं।

राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना सरकार ने महाराष्ट्र के मल्टप्लेक्स सिनेमाघरों को प्रतिदिन शाम 6 से 9 बजे के बीच मराठी फिल्में दिखाने का आदेश जारी किया था। शोभा डे ने इसके विरोध में ट्विटर पर टिप्पणियां की थीं और सरकार के फैसले को तानाशाही करार दिया था। उन्होंने सात अप्रैल को ट्विटर पर लिखा था, “देवेंद्र फणनवीस ने फिर ऐसा काम किया। गोमांस पर प्रतिबंध से अब हिंदी, अंग्रेजी फिल्मों पर आ गए। यह वह महाराष्ट्र नहीं है, जिसे हम सब प्यार करते हैं। नको नको। ये सब रोको। मुझे मराठी फिल्में पसंद हैं। इसलिए देवेंद्र फणनवीस, इसका फैसला मुझे यानी दर्शकों को करने दीजिए कि मैं मराठी फिल्में कब और कहां देखूंगी। यह कुछ और नहीं, सिर्फ दादागीरी है।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, उन्हें मराठी फिल्में पसंद हैं, लेकिन मराठी फिल्म देखते समय पॉपकार्न के बजाय शायद वडापाव खाना ही ठीक रहेगा। शोभा डे ने ट्विटर पर यह भी लिखा, “अब एक विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के तहत मुझसे माफी मांगने के लिए कहा जा रहा है।”

इसके जवाब में शिवसेना ने गुरुवार को पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, “वह यह जानकर भी अचंभित होंगी कि क्या अब सिनेमाघरों में पॉपकॉर्न की बजाय वडापाव और दही मिसल मिलेगा। उस राज्य के लोगों के लिए आभार व्यक्त करने का एक बेहतरीन तरीका, जहां आपका जन्म हुआ। यदि किसी अन्य ने इस तरह की टिप्पणी की होती तो यह समझ में आता। लेकिन दुख की बात है कि एक मराठी महिला ऐसा कर रही है।” शोभा डे द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द ‘दादागीरी’ पर भी पार्टी ने दुख जताया। पार्टी ने कहा कि शोभा डे भी मराठी महिला हैं। उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए। शोभा डे की ‘दादागीरी’ वाली टिप्पणी पर निशान साधते हुए पार्टी ने कहा कि यदि पूर्व में छत्रपति शिवाजी और पार्टी के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे ने दादागीरी नहीं दिखाई होती तो ‘शोभा आंटी’ के सभी पूर्वज और वंशज पाकिस्तान में पैदा हुए होते और वह शायद बुर्का पहन कर पेज-थ्री पार्टियों में शामिल होतीं।

शोभा डे के व्यंग्य को सुझाव मानते हुए शिवसेना ने सरकार से मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों के भीतर सिर्फ वडापाव और दही मिसल उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया। पार्टी ने कहा कि शोभा डे ने महाराष्ट्र की खाद्य संस्कृति का अपमान किया है। वह बहुत तीखा बोलती हैं। दही मिसल खाएंगी उनकी जबान को आराम पहुंचेगा।

इसी विवाद को लेकर प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को शोभा डे के घर के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं शोभा डे ने ट्विटर पर लिखा, “मुझे मुंबई पुलिस पर पूरा भरोसा है। यहां पुलिस की नाकाबंदी है। मैं पूरी तरह शांत और सुरक्षित महसूस कर रही हूं। शुक्रिया मुंबई पुलिस।” उन्होंने आगे कहा कि मैं ऐसी राजनीति करने वाली पार्टी का हिस्सा कभी नहीं बनूंगी। मैं कानूनी सलाह लूंगी और कानून के हिसाब से कार्यवाही करूंगी।

 

उत्तर प्रदेश

अवध शिल्प ग्राम में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रिया को गति देगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उसे उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को हकीकत की शक्ल दे रही योगी सरकार प्रदेश के समेकित विकास के लिए लगातार कार्यरत है। एक ओर, प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश ने सीएम योगी के मार्गदर्शन में कदम बढ़ा दिए हैं, वहीं प्रदेश में उत्तम नागरिक सुविधाएं व वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में भी विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत कार्य हो रहा है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश में तीन यूनिटी मॉल के निर्माण का कार्य भी जारी है जिनमें लखनऊ, आगरा व वाराणसी मुख्य हैं। लखनऊ में अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल का निर्माण कार्य निरंतर जारी है तथा इस प्रक्रिया में और तेजी लाते हुए योगी सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए निविदा जारी कर दी हैं जिससे कार्यावंटन का मार्ग सुनिश्चित होगा।

पीएमसी निर्धारण से निर्माण प्रक्रिया में आएगी तेजी

योजना विभाग द्वारा अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए जिस पीएमसी को नियुक्त किया जाएगा वह कई मायने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। पीएमसी द्वारा रेगुलर मॉनिटरिंग और समय-समय पर दी जाने वाली रिपोर्ट्स न केवल इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निर्धारण में निर्णायक सिद्ध होगी बल्कि इसके जरिए सभी निर्माण कार्यों को ट्रैक करने व उसी आधार पर कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त होगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से निविदा प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और जुलाई के पहले हफ्ते में कार्यावंटन हो जाएगा। कार्यावंटन के बाद 75 दिनों में कन्सलटेंसी को आर्किटेक्चरल डिजाइन प्रस्तुत करना होगा जिस पर स्वीकृति के बाद 18 महीने में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) भी लागू रहेगा।

कई प्रकार के निर्माण कार्यों का मार्ग होगा सुनिश्चित

यूनिटी मॉल के निर्माण व विकास के लिए परियोजना के अंतर्गत कई संरचनात्मक कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अंतर्गत रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाएगा। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जाएगा।

200 नॉन एसी, 34 एसी शॉप्स का होगा निर्माण, 30 वर्ष की लीज पर होगा अलॉटमेंट

यूनिटी मॉल के विकास की जो कार्ययोजना क्रियान्वित की जा रही है, उसके अनुसार परिसर में 200 नॉन एसी तथा 34 एसी शॉप्स का निर्माण किया जाएगा। इन दुकानों को 30 वर्ष की लीज पर अलॉट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यूनिटी मॉल में एग्जिबिशन हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, फूड कोर्ट, वातानुकूलित एट्रियम, फायर एग्जिट समेत तमाम निर्माण कार्यों को पूर्ण जाएगा। 60 करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय के जरिए इस पूरी परियोजना पूर्ण किया जाएगा।

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