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संघ के मंच पर मौजूदगी का मतलब विचारधारा स्वीकारना नहीं : प्रेमजी

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Azim-Premji

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नई दिल्ली। विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मंच पर अपनी उपस्थिति को लेकर सफाई दी है कि किसी के साथ मंच साझा करने का मतलब उसकी विचारधारा को स्वीकारना नहीं है। रविवार को अजीम प्रेमजी ने संघ से जुड़े ‘राष्ट्रीय सेवा संगम’ नामक तीन दिवसीय सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा किया था। उन्होंने कहा कि वह कार्यक्रम में शामिल होकर खुश हैं। प्रेमजी के अलावा संघ के इस मंच को जीएमआर समूह के जीएम राव और एस्सेल ग्रुप के प्रमुख सुभाष चन्द्रा ने भी साझा किया।

संगम में अपने संबोधन में अजीम प्रेमजी ने कहा, ‘‘भागवतजी ने जब मुझे यहां आने का निमंत्रण दिया तो कई लोगों ने आशंका जताई कि यहां मेरा आना संघ की विचारधारा स्वीकार करना माना जाएगा लेकिन मैंने यह राय नहीं मानी। मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं।’’ उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि किसी का मंच साझा करना उसकी विचारधारा को पूर्णत: स्वीकार करना नहीं है।

प्रेमजी ने संघ की सराहना करते हुए कहा कि उससे जुड़े समाज सेवी संगठनों ने महान कार्य किए हैं और वह उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार से हर स्तर पर लड़ने का आह्वान किया और महिलाओं, बच्चों तथा वंचित वर्गों के लिए उत्थान के लिए काम करने की बात कही। विप्रो प्रमुख ने देश निर्माण के लिए शिक्षा की जरूरत बताई और शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा विकास क्षमता बढ़ाती है और समाज को बेहतर बनाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा लाभ कमाने के लिए नहीं होनी चाहिए, खासकर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा। उन्होंने भारत में शिक्षा का बजट बहुत कम होने पर भी निराशा जताई।

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नेशनल

पंजाब में दो मालगाड़ियां आपस में टकराई, दूसरे ट्रैक पर आ रही पैसेंजर ट्रेन को चपेट में लिया, बड़ा हादसा टला

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अमृतसर। पंजाब के सरहिंद में रविवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। सरहिंद के माधोपुर के पास सुबह करीब 3:30 बजे दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं, इनमें से एक का इंजन पलट गया और साइड ट्रैक से गुजर रही पैसेंजर ट्रेन से टकरा गया। इस हादसे में मालगाड़ी के दो लोको पायलट घायल हो गए। उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

यह दुर्घटना पिछले साल ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे से मिलती जुलती है। उस हादसे में एक दूसरी ट्रेन आकर रेलवे ट्रैक पर पहले से खड़ी ट्रेन से टकरा गई थी। इस टक्कर में पास से गुजर रही एक तीसरी ट्रेन भी इसकी चपेट में आ गई। ओडिशा रेल हादसे में 293 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। श्री फतेहगढ़ साहिब में हुए इस हादसे की रूपरेखा कुछ-वैसी ही है। हालांकि ट्रेनों की गति धीमी होने के कारण बड़ा हादसा होते होते रह गया।

दरअसल मालगाड़ियों के लिए बनाए गए डीएफसीसी ट्रैक पर कोयले से लोडेड 2 मालगाड़ियां खड़ी थीं। इन मालगाड़ियों को रोपड़ की तरफ जाना था। लेकिन रविवार की सुबह अचानक मालगाड़ी का इंजन खुलकर दूसरी गाड़ी से टकरा गया। इंजन पलटकर अंबाला से जम्मू तवी की ओर जा रही पैसेंजर गाड़ी में फंस गया. जिससे पैसेंजर गाड़ी समर स्पेशल को भी नुकसान पहुंचा। हादसे के बाद समर स्पेशल गाड़ी को दूसरा इंजन लगाकर राजपुरा भेजा गया। वहीं अब ट्रैक को ठीक करने का काम जारी है। रेलवे के कर्मचारी मौके पर ट्रैक को ठीक करने में जुटे हुए हैं।

हादसे का शिकार हुए दोनों लोको पायलट उतरप्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। उनकी पहचान विकास कुमार और हिमांशु कुमार के रुप में हुई है। इंजन के शीशे तोड़कर दोनों लोको पायलट को बाहर निकाला गया। जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस की मदद से सिविल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। ई है.

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