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मुख्य समाचार

‘संसद घेराव’ आंदोलन का नेतृत्व कर सकते हैं केजरीवाल

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नई दिल्ली| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ संसद घेराव मार्च का नेतृत्व कर सकते हैं। पार्टी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल 22 अप्रैल को जंतर-मंतर पर पार्टी की रैली को संबोधित करेंगे। वह जंतर-मंतर से संसद तक मार्च का भी नेतृत्व कर सकते हैं। आप ने 28 मार्च को अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भूमि विधेयक के खिलाफ संसद घेरने और विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया था। भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने नया भूमि विधेयक पेश किया है।

आलोचकों का कहना है कि इस विधेयक के माध्यम से उद्योगपतियों के लिए गरीब किसानों से जमीन छीन ली जाएगी। पार्टी ने संसद घेराव को सफल बनाने के लिए एक छह सदस्यीय समिति बनाई है। इस समिति में इलयास आजमी, प्रेम सिंह पहाड़ी, योगेश दहिया, सोमेंद्र ढाका, गुरनाम सिंह और किरण विस्सा को शामिल किया गया है। संजय सिंह ने बताया, “समिति के सदस्य रैली की तैयारियां करने में जुटे हैं। यह रैली 22 अप्रैल को सुबह 10 बजे जंतर-मंतर से शुरू होगी।”

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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