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सोनिया पर भाजपा नेता गिरिराज के बयान से सियासत गर्म

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नई दिल्ली/पटना/हाजीपुर | केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर नस्लीय टिप्पणी कर एक बार फिर विवादों में घिर गए। उन्होंने हाजीपुर में कहा कि कांग्रेस ने सोनिया गांधी को अपना नेता इसीलिए स्वीकारा क्योंकि वह गोरी चमड़ी वाली हैं। बाद में बुधवार को हालांकि उन्होंने अपने बयान पर खेद जताया। गिरिराज सिंह के इस बयान पर सभी पार्टी के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। राजनीतिक दलों ने उनके बयान की निंदा की है। कांग्रेस ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह को आड़े हाथों लिया वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके बयान से दूरी बना ली है।

बिहार में मंगलवार को एक कार्यक्रम गिरिराज सिंह ने कहा था, “अगर राजीव गांधी ने एक नाइजीरियाई महिला के साथ शादी की होती और अगर वह गोरी नहीं होती तो क्या कांग्रेस उन्हें (सोनिया गांधी) अपना नेता चुनती।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गिरिराज के बयान की निंदा करते हुए कहा, “उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।” वहीं गिरिराज सिंह ने हालांकि अपने बयान पर सफाई दी और कहा, “उन्होंने यह बयान आधिकारिक रूप से नहीं दिया था।” उन्होंने कहा, “लोग एक दूसरे से अनौपचारिक रूप से बात करते हैं और यह अलग बात है कि इसको किस तरह से पेश किया गया है। अगर मेरे बयान से राहुल और सोनिया के साथ-साथ किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं उस पर खेद व्यक्त करता हूं।” सोनिया पर गिरिराज द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ बताया। उन्होंने कहा कि किसी पर पारिवारिक बयान देना गलत है। दिल्ली से बुधवार को पटना पहुंचे लालू ने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों का यही हाल है।

वहीं बिहार प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रेमचन्द्र मिश्रा ने केंद्रीय मंत्री के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ जिस तरह की अभद्र और नस्लीय टिप्पणी की गई है वह उनकी (गिरिराज सिंह) ओछी मानसिकता का परिचायक है। ऐसे व्यक्ति की जगह मंत्रिमंडल में नहीं बल्कि पागलखाने में होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपेक्षा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करेंगे। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, “पार्टी रंग और जाति के आधार पर राजनीति नहीं करती। हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ में भरोसा रखते हैं।”

गिरिराज सिंह ने इस दौरान राहुल गांधी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना एक लापता विमान से करते हुए कहा, “संसद का बजट सत्र समाप्त हो गया परंतु राहुल गांधी मलेशियाई विमान की तरह गायब ही रहे। जैसे विमान का कुछ पता नहीं चला वैसे ही राहुल का भी कोई पता नहीं है।” यूं तो गिरिराज के लिए विवादास्पद बयान देना कोई नया मामला नहीं है। इसके पूर्व भी वह कई मौके पर विवादास्पद बयान देकर चर्चा में रहे हैं। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि नरेन्द्र मोदी के विरोधियों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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