प्रादेशिक
‘ताज गलियारा’ या पशु कब्रगाह?
आगरा | आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित दो विश्व धरोहर स्मारकों ताजमहल और आगरा किले के बीच पड़ी बेकार जमीन को ‘ताज कॉरिडोर’ नाम देकर इसे विकसित किया जाना था, मगर यह अनधिकृत पशु कब्रगाह और कूड़ाघर में तब्दील हो चुकी है।
विदेशी पर्यटक इस गलियारे से मृत ऊंटों, गधों और कुत्तों के सड़े शवों और हड्डियों के ढेरों की बहुत सी तस्वीरें खींच अपने देश ले गए हैं। वे दो प्रसिद्ध स्मारकों के बीच इस भद्दे स्थान की तस्वीरें अपने प्रियजनों को दिखाएंगे। ब्रज मंडल हेरिटेज कंजर्वेश सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने आईएएनएस को बताया, “ताज गलियारा इस बात का उदाहरण है कि हमें अपनी विरासत और पर्यटन उद्योग की कितनी परवाह है।” एनआरआई राजेश कुमार ने बताया, “विश्व के सबसे खूबसूरत स्मारक के पास ऐसे गंदा स्थान घिनौना और घृणास्पद है।” सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2006 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को इस भूमि को हरा-भरा करने का निर्देश दिया था, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश वन विभाग और एएसआई में से किसी ने भी न तो गलियारे का मलबा हटाया और न ही इसे हरा-भरा किया।
ताज गलियारा वर्ष 2003 में मायावती सरकार को घेरे में लेने वाला राजनैतिक हंगामा बना था। सर्वोच्च न्यायालय ने 2003 में ताज गलियारे पर चल रहे काम को रोकने का आदेश दिया था। आगरा विकास फाउंडेशन और जानेमाने वकील के.सी. जैन ने आईएएनएस को बताया, “दिसंबर 2005 में सर्वोच्च न्यायालय ताज गलियारे पर सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया था। फरवरी 2006 में इसकी रिपोर्ट के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय एएसआई को कार्यवाही की योजना का प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। उसके बाद से मामला लटका पड़ा है।” उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने कहा, “इलाके को साफ कराना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। हम नगरपालिका अधिकारियों से बात करेंगे और उन्हें एक नोटिस भेजेंगे।”
आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने गलियारे में एक लोहे का गेट लगवाया था। लेकिन गेट हमेशा खुला रहता है और इस अधूरे गलियारे की रखवाली के लिए वहां कोई नहीं रहता। गाइड वेद गौतम ने बताया, “डर तो इस बात का है कि गलियारे में चारों ओर पड़े पशुओं के शवों से बीमारियां फैल सकती हैं।” राष्ट्रीय परियोजा कार्पोरेशन लिमिटेड के मुताबिक, ताज गलियारा 175 करोड़ रुपये की परियोजना थी, जिसके तहत यहां किनारों पर एक मनोरंजन पार्क, मॉल और व्यावसायिक दुकानें और पर्यटकों के लिए रास्ते बनाए जाने थे। संरक्षणकर्ताओं ने इस परियोजना का विरोध किया था। उनका कहना था कि इस परियोजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। केंद्र सरकार ने 2003 में ताज गलियारा निर्माण कार्य रोकने का आदेश दिया था।
आगरा में कुछ लोगों का अभी भी यही कहना है कि परियोजना राजनीति का शिकार हुई थी। कुछ का कहना है कि इस परियोजना से पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता था। किशोर ने कहा, “इसे साफ करके यहां विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां की जा सकती हैं। यहां रात का बाजार लगाया जा सकता है। किले में तैनात सेना को यहां की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हमें शिकायतों की जगह बदलाव और सुधार करने की जरूरत है।”
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी का विपक्ष पर हमला, कहा- आतंकवादियों की पैरवी करने वालों को तो राम मंदिर बुरा ही लगेगा
गोरखपुर। सीएम योगी ने शुक्रवार को गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद और भाजपा प्रत्याशी रविकिशन शुक्ल के नामांकन के बाद, उनके पक्ष में महंत दिग्विजयनाथ पार्क में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के मतदान तक हताश हो चुके विपक्ष के नेता अब भगवान राम पर टिप्पणी करने लगे हैं। कोई कहता है कि राम मंदिर बेकार है तो कोई कहता है कि राम मंदिर से जनता को क्या लाभ है। योगी ने कहा कि आतंकवादियों की पैरवी करने वालों को तो राम मंदिर बुरा ही लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे चरण में लोकसभा का चुनाव अब उस मोड़ पर पहुंच गया है जहां विपक्ष ने हार मान ली है। कांग्रेस, सपा बसपा सबने हार स्वीकार कर ली है। तीन चरणों में 285 सीटों पर यानी पूरे देश के अंदर आधा चुनाव संपन्न हो चुका है। योगी ने कहा कि चुनाव प्रचार में देश के अंदर उन्हें नौ राज्यों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ है। पूरे देश के अंदर एक ही स्वर गूंज रहा है, “फिर एक बार मोदी सरकार”। देश की जनता के लिए सारी समस्याओं का समाधान रामराज है और इसी रामराज के लिए जनता बार-बार मोदी सरकार को चुन रही है। जनता यही कह रही है, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। हम उनको लाएंगे जिन्होंने रामराज की परिकल्पना को साकार किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए आज के विपक्ष ने राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला करने वालों के खिलाफ, माफियाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए होते तो संकटमोचन मंदिर और कचहरी पर आतंकी हमले नहीं होते। आतंकवाद के मुद्दे पर घुटना टेकने की नीति का दुष्परिणाम रहा कि इन हमलों में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि देश की जनता के लिए सारी समस्याओं का समाधान रामराज है और इसी रामराज के लिए जनता बार-बार मोदी सरकार को चुन रही है। जनता यही कह रही है, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। रामराज का मतलब सबका सम्मान, सबकी सुरक्षा, सबका विकास और गरीब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर तबके को बिना भेदभाव प्राप्त होना है।
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