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‘नसीरुद्दीन शाह पर हुआ काला जादू’

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मुंबई। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह पर करारा हमला किया है। शिवसेना ने नसीर को उनके उस बयान के लिए आड़े हाथों लिया है जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंधों पर दुख जताया था। लेख में कहा गया है कि किसी ने नसीरुद्दीन शाह के ऊपर काला जादू कर दिया है। इसमें यह भी कहा गया कि नसीरद्दीन शाह पूछते हैं कि पाकिस्तान के लिए इतनी नफरत क्यों है? उनके इस सवाल का जवाब वे लोग दे सकते हैं, जिन्होंने मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में अपने प्रियजनों को खोया है। पाकिस्तान रक्तपात में शामिल है। मुंबई हमले के अलावा दिल्ली में संसद पर हुए हमले और इससे पहले के कई आतंकी हमलों की साजिश पाकिस्तान में रची गई।

गौरतलब है कि नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता पर अफसोस जताते हुए कहा था कि भारतीयों के दिमाग में यह भरा जा रहा है कि पाकिस्तान उनका दुश्मन है। उन्होंने यह भी कहा कि वह पाकिस्तान जाते रहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ‘वहां के लोगों से संपर्क होना बहुत महत्वपूर्ण है।’
इसके जवाब में शिवसेना ने सामना में लिखा है, ‘केवल दो ही दिन पहले कश्मीर की कठुआ पुलिस चौकी पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें एक भारतीय जवान शहीद हो गया। उस जवान के माता पिता के पास जाकर पूछो कि उनके दिल में पाकिस्तान के लिए इतनी नफरत क्यों है।’ शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित ने राष्ट्रीय राजधानी में पाकिस्तान दिवस मनाने के लिए अलगाववादियों को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया। इसी से सभी को पाकिस्तान के इरादे समझ लेने चाहिए।

शिवसेना ने नसीरुद्दीन शाह की आलोचना करते हुए कहा कि अभिनेता ने इतने सालों की कड़ी मेहनत से जो नाम कमाया है, वह गंवा दिया है। लेख में लिखा है, ‘उन्होंने सालों की कड़ी मेहनत से जो कुछ भी कमाया, उसे पल भर में गंवा दिया। हमें आशंका है कि कहीं लाहौर में किसी ने उनपर काला जादू तो नहीं कर दिया। वह कभी ऐसे नहीं थे।’

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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