अन्तर्राष्ट्रीय
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री मैल्कॉम फ्रेजर का निधन
सिडनी | अमेरिका के पूर्व प्रधानमंत्री मैल्कॉम फ्रेजर का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वह 84 साल के थे। फ्रेजर के कार्यालय की ओर से जारी बयान में उनके निधन की जानकारी दी गई। फ्रेजर नवंबर 1975 से मार्च 1983 के बीच प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहे थे।
एक बयान के अनुसार, “हम आपको बेहद दुख के साथ सूचित कर रहे हैं कि कुछ दिनों से बीमार चल रहे फ्रेजर का 20 मार्च, 2015 की सुबह निधन हो गया।” उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि जो भी उन्हें जानते और उनसे प्यार करते हैं, उनके लिए हैरान करने वाली घटना है, लेकिन हम इस कठिन समय में उनके परिवार को शांति से रहने देने की अपील करते हैं।” फ्रेजर ने 25 साल की उम्र में राजनीति में प्रवेश किया था और 1955 में लिबरल पार्टी की तरफ से निर्वाचित हुए थे। मार्च 1975 में वह लिबरल पार्टी के अध्यक्ष बने थे और गवर्नर जनरल सर जॉन केर द्वारा व्हिटलैम लेबर सरकार को सत्ता से हटा देने के बाद उन्हें नवंबर 1975 में कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। उन्होंने उसी साल दिसंबर में चुनाव जीता और इसके बाद लगातार दो चुनाव जीते, लेकिन 1983 में उन्हें बॉब हॉके के नेतृत्व में लेबर पार्टी से हार का सामना करना पड़ा।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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