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राज्यपाल शासन लगते ही बदल गयी कश्मीर की हवा, जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र ने उठाया यह बड़ा कदम

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कश्मीर में सियासी जमीन पूरी तरह बदल चुकी है पीडीपी से अपना समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा ने वहां पर राज्यपाल शासन लगा दिया है। राज्यपाल शासन लगने के बाद जम्मू कश्मीर में माहौल पूरी तरह बदल गया है। राज्यपाल शासन के दूसरे दिन ही अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। आपको बता दें जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह बिगड़ गई थी। ऐसे में भाजपा ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया था।

जम्मू कश्मीर में हालात को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया है। वहीं दूसरी ओर एक और नेता मीरवाइज को नजरबंद कर दिया गया है। अलगाववादी नेताओं को घाटी में विरोध-प्रदर्शनों की अगुवाई से रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।

आपको बता दें कि बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर सरकार से मंगलवार को समर्थन वापसी का फैसला लिया था। जिसके बाद बुधवार से ही वहां पर राज्यपाल शासन लगा हुआ है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मलिक को गुरुवार सुबह उनके मैसूमा स्थित आवास से हिरासत में लिया गया। उन्हें कोठीबाग स्थित पुलिस थाने में रखा गया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी भी नजरबंद हैं।

पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ईद के बाद घाटी में सीजफायर बढ़ाने से इनकार कर दिया था। रमजान के दौरान सीजफायर के बावजूद आतंकी घटनाओं में 265 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इस वजह से सीजफायर करने का मोदी सरकार का फैसला आलोचना के घेरे में आ गया था।

नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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