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बीजेपी का पलटवार, कहा- ये कदम उठाते तो येदियुरप्पा को नहीं देना पड़ता इस्तीफा

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नई दिल्ली/बेंगलुरू। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को स्वीकार किया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने इसलिए इस्तीफा दिया, क्योंकि उनके पास त्रिशंकु विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं थी। हालांकि बीजेपी ने बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात को सिरे से नकार दिया।

केंद्रीय मंत्री व भाजपा के कर्नाटक चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने खरीद-फरोख्त की कोशिश के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यदि ऐसा होता तो येद्दयुरप्पा इस्तीफा नहीं देते। राहुल गांधी के आरोपों को उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की कहावत को चरितार्थ करने वाला बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही कर्नाटक में फर्जीवाड़े की राजनीति करती रही है। पहले फर्जी वोटर आइकार्ड बनाया, फिर फर्जी सीडी लाकर भाजपा पर खरीद-फरोख्त का फर्जी इल्जाम लगाया।

भाजपा प्रवक्ता वमनाचार्य ने भी कहा, “शक्ति परीक्षण में जीत हासिल करने के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या (112) नहीं थी, जिसके बाद बेंगलुरू और दिल्ली में हमारी पार्टी के नेताओं ने फैसला किया कि येदियुरप्पा को इस्तीफा दे देना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेद्र प्रधान और अनंत कुमार नियमित रूप से दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ संपर्क में थे। वमनाचार्य ने कहा, “अपराह्न् तीन बजे हमने अपने नेताओं से कहा कि हम शक्ति परीक्षण हार गए हैं और येदियुरप्पा ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। उनके इस्तीफे के भाषण को तैयार कर लिया गया था।”

वमनाचार्य ने कहा, “यह आरोप चुनाव के नतीजे आने के बाद मंगलवार से हमारे खिलाफ लगाए जा रहे हैं। अगर हम खरीद-फरोख्त करते तो सात विधायक तोडऩा कोई बड़ा काम नहीं है। लेकिन हमने कोशिश नहीं की और हमेशा की तरह ईमानदार राजनीति के साथ बने रहे।”

75 वर्षीय येदियुरप्पा ने सदन के पटल पर शक्ति परीक्षण से पहले अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी और राजभवन जाकर उन्होंने राज्यपाल वजुभाई आर. वाला को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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