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प्रादेशिक

सुहागरात में दुल्हन को बाहों में लेते ही पति को लगा झटका, शिकायत करने पहुंचा पुलिस के पास

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सुहागरात

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शादी के सपने सजाए एक दूल्हे के अरमानों पर उस समय पानी फिर गया जब वह सुहागरात में अपनी पत्नी को प्यार करने के लिए घूंघट उठाया। दूल्हे ने जैसे ही पत्नी को देखा उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। बता दें कि पूरा मामला यूपी के उन्नाव जिले का है जहां सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के एक युवक की शादी फतेहपुर चौरासी थानाक्षेत्र के एक गांव में हुई।

सुहागरात

साभार इंटरनेट

विदाई के बाद जब दूल्हा दूल्हन को विदा कर घर लाया। मिली जानकारी के मुताबिक युवक ने जैसे ही अपनी पत्नी का घूंघट उठाया उसे तगड़ा झटका लगा। युवक फौरन कोतवाली पहुंचा और पुलिस को तहरीर दी। युवक ने तहरीर देते हुए बताया कि जिससे उसकी शादी हुई वह मंगलामुखी(किन्नर) है।

सुहागरात

साभार इंटरनेट

उसके आरोप के बाद गांव की आशा ने दुल्हन का मेडिकल भी कराया। तब पत्नी के अयोग्य होने की बात प्रमाणित भी हो गई। दूल्हे की सूचना के बाद कन्यापक्ष के लोग दुल्हन को लेकर चले गए। इसके बाद दूल्हे ने ससुरालवालों पर धोखाधड़ी का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की। एक सप्ताह हो जाने के बाद किसी नतीजे पर न पहुंच पाने वाली पुलिस से जब इस मामले की जानकारी की गई तो बताया गया कि आरोप की पुष्टि नहीं हो सकी। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंच पाना संभव होगा।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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