Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भारत बंद: सोशल मीडिया पर तैर रही अफवाहें, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर कुछ संगठनों द्वारा कथित भारत बंद के ऐलान को लेकर देश के तमाम राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा चाक-चौबंद रखने और हिंसा रोकने के लिए सभी राज्यों को एडवायजरी जारी कर राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।

गृह मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाके में होने वाली किसी भी हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। देश के इतिहास में भी संभवत: यह पहला मौका है जब किसी नामचीन संगठन के आह्वान के बिना ही मंगलवार को देशव्यापी बंद की सनसनी फैली हुई है।

फाइल फोटो

सोशल मीडिया से फैली इस सनसनी का आलम यह है कि कुछ जगहों पर ऐहतियातन एसएमएस-इंटनरेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। कुछ जगहों पर स्कूल-बाजार बंद रखने के ऐलान के साथ धारा-144 लागू की गई है।

दरअसल, एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान देश के तमाम हिस्सों में भारी हिंसा हुई थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर लोग 10 अप्रैल को एक और भारत बंद का ऐलान करने लगे। इन लोगों और कुछ कथित संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट मेसेज में आरक्षण के खिलाफ एकजुट होने और देश भर में होने वाले प्रदर्शनों में शामिल होने का आह्वान किया गया था।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending