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Breaking: सलमान खान को 5 साल की सजा पर नहीं जाएंगे जेल, जानिए पूरा मामला
जोधपुर। बीस साल पुराने काला हिरण केस मामले पर आखिरकार फैसला आ ही गया। जोधपुर कोर्ट ने काला हिरण मामले में सलमान खान को दोषी करार दिया है। जज ने सलमान को दो साल की सजा सुनाई है। सलमान खान की सजा तय होने के बाद अब यह तय हो गया है कि सलमान को आज ही कोर्ट से जमानत मिल जाएगी। सलमान के साथ इस केस में आरोपी बनाए गए उनके साथी कलाकार सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।
- जज ने सुनाई है दो साल की सजा।
- काला हिरण का यह केस वर्ष 1998 का है।
- फिल्म हम साथ-साथ है की शूटिंग के दौरान सलमान ने किया था चिंकारा का शिकार
- फिल्म से जुड़े बाकी कलाकार तब्बू, नीलम, सैफ अली खान और सोनाली बेंद्रे पर सलमान को उकसाने का लगा था आरोप
- कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए तब्बू, नीलम, सैफ अली खान और सोनाली बेंद्रे को किया बरी
- काला हिरण से जुड़े कुल चार मामलों में सलमान पर दर्ज किया गया था केस
- कांकाणी गांव केस में सलमान को हुई है दो साल की सजा।
- बिश्नोई समाज के लोगों ने दर्ज कराया था केस।
- काले हिरण की पूजा करते हैं बिश्नोई समाज के लोग।
- घोड़ा फार्म हाउस केस में 10 अप्रैल 2006 को सीजेएम कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी। सलमान फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गए।
- 25 जुलाई 2016 को उन्हें बरी किया गया। राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
- भवाद गांव केस में सीजेएम कोर्ट ने 17 फरवरी 2006 को सलमान को दोषी करार दिया और एक साल की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने इस मामले में भी सलमान को बरी कर दिया है। राज्य सरकार ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
- आर्म्स केस में 18 जनवरी 2017 को कोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया था। राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है।
- सलमान ने इस केस में 20 सालों में कुल 18 दिन जेल में काटे हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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