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नेशनल

उमर ने गिलानी की नजरबंदी पर सरकार को घेरा

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श्रीनगर, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी को फिर से नजरबंद करने पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ली ने मंगलवार को प्रदेश सरकार पर तंज कसा। गिलानी को नजरबंदी से दी गई मुक्ति काफी चर्चा में रही थी। पुलिस द्वारा रविवार को शोपियां मुठभेड़ में मारे गए एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में गिलानी को शामिल होने से रोकने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, क्यों? मुझे लगा था कि सरकार ने उन्हें ‘आजादी’ दे दी है। क्या हुआ?

राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.पी. वैद ने पिछले सप्ताह कहा था कि प्रशासन ने अपने घर में नजरबंद चल रहे गिलानी पर से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है।

जम्मू एवं कश्मीर को पाकिस्तान में शामिल करने का समर्थन करने वाले गिलानी ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को आठ साल बाद सामूहिक नमाज पढ़ी थी।

लेकिन, रविवार को दक्षिण कश्मीर में मुठभेड़ों में 20 लोगों के मरने से तनाव बढ़ने के बाद सोमवार को प्रशासन ने गिलानी को फिर से नजरबंद कर दिया।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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