अन्तर्राष्ट्रीय
दो रूसी राजनयिकों को निष्कासित करेगा ऑस्ट्रेलिया
कैनबरा, 27 मार्च (आईएएनएस)| ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन में एक पूर्व रूसी जासूस पर रासायनिक हमले के मामले में रूस के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई के हिस्से के तौर पर ऑस्ट्रेलिया दो रूसी राजनयिकों को निष्कासित करेगा। गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, टर्नबुल व विदेश मंत्री जूली बिशप ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि दो रूसी ‘राजनयिकों’ की पहचान अघोषित खुफिया अधिकारियों के तौर पर की गई है और उन्हें सात दिनों के भीतर ऑस्ट्रेलिया छोड़ने का आदेश दिया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन व अमेरिका सहित 20 से ज्यादा पश्चिमी देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने इस मामले में अब तक 100 से अधिक रूसी राजनयिकों को जासूस होने का आरोप लगाते हुए निष्कासित किया है। इन देशों ने यह कदम पूर्व रूसी खुफिया अधिकारी सर्गेई स्क्रिपल व उनकी बेटी यूलिया की सैलिसबरी में 4 मार्च को रासायनिक हमले से हत्या के प्रयास के विरोध में उठाया है।
यह शीत युद्ध के बाद पश्चिम में रूसी खुफिया नेटवर्क के लिए सबसे बड़ा समन्वित कूटनीतिक झटका है।
टर्नबुल व बिशप के संयुक्त बयान में कहा गया, यह निर्णय हमले की स्तब्ध करने वाली प्रकृति को दिखाता है, यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में रासायनिक हथियारों का यह पहला आक्रामक इस्तेमाल है, जो समाज के अनगिनत लोगों को खतरनाक स्थिति में डालता है।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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