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अन्तर्राष्ट्रीय

जानिए इस हिन्दू दलित महिला के बारे में जिसने पाकिस्तान में इतिहास रच दिया है

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नई दिल्ली। पाकिस्तान में कृष्णा कोहली ने पहली दलित हिंदू महिला सीनेटर बन इतिहास रच दिया है। वे पाक की पहली दलित हिंदू महिला हैं जो सीनेटर बनीं हैं। वास्तव में यह बड़ी उपलब्धि है जिसके लिए उन्हें पूरी दुनिया शुभकामनाएं दे रही हैं।

कृष्णा का सीनेटर बनने का सफर इतना आसान नही रहा। ये बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि इस मुकाम तक पहुंचे के लिए कृष्णा कोहली को अपने जीवन में कितना संघर्ष करना पड़ा।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कृष्णा को गरीबी के कारण बंधुआ मजदूरी भी करनी पड़ी। बचपन में उन्हें व उनके परिवार को बंधक बना लिया गया। जहां उनसे बंधुआ मजदूरों की तरह काम करवाया जाता था।

कृष्णा कोहली की छोटी उम्र में शादी कर दी गई। जिस समय कृष्णा की शादी हुई उस समय उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी। शादी के बाद पति लालचंद का साथ मिला और उन्होंने पढ़ाई जारी रखने में काफी मदद की। 2013 में कृष्णा ने सिंध विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।

पढ़ाई के साथ-साथ कृष्णा समाज सेवा भी करती थी। उन्हें साल 2007 में इस्लामाबाद में आयोजित तीसरे मेहरगढ़ मानवाधिकार नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर के लिए चुना गया था।

कहा जा सकता है कि कृष्णा कोहली का राजनीति में आना महज एक संयोग ही था। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से जुड़ी थीं।

बाद में उनके भाई को यूनियन काउंसिल बेरानो का चेयरमैन के रूप में चुना गया। वहीं, फरवरी 2018 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने उन्हें अल्पसंख्यक के लिए सीनेट की एक सीट पर उन्हें नामित किया। इसके चुनाव में वे जीत गईं।

 

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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस की सेना का बड़ा सैन्य अधिकारी गिरफ्तार, रिश्वत लेने का है आरोप

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मास्को। रूस में सेना के एक बड़े अधिकारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पकड़ा गया अफसर रूस का मुख्य संचार निदेशालय का प्रमुख वादिम शमारिन है। इससे कुछ दिन पहले ही रिश्वत लेने के ही आरोप में रूस के उपरक्षा मंत्री को गिरफ्तार किया गया था।

रूसी समाचार एजेंसियों ने एक सैन्य अदालत का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें दो महीने के लिए हिरासत में रखा गया है, लेकिन मामले के अन्य विवरण नहीं बताए गए हैं। इससे पहले, इसी साल अप्रैल में, रक्षा उप मंत्री तैमूर इवानोव को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इवानोव सर्गेई शोइगु के करीबी सहयोगी थे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी महीने शोइगु को रक्षा मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया था। शोइगु को हटाए जाने के दो दिन बाद रक्षा मंत्रालय के कार्मिक निदेशालय के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल यूरी कुजनेत्सोव को रिश्वतखोरी के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया था।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि रक्षा अधिकारियों की गिरफ्तारी का यह संकेत नहीं है कि यह सेना के खिलाफ अभियान है। पेसकोव ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई एक सतत कार्य है, यह कोई अभियान नहीं है। यह लगातार चलता रहता है। यह हमारे कानून प्रवर्तन एजेंसियों की गतिविधि का अनिवार्य हिस्सा है।’’ यूक्रेन के साथ लड़ाई में कीव पर जल्दी कब्जा करने में रूस की विफलता के लिए शोइगु को व्यापक रूप से दोषी ठहराया गया था और निजी सेना के कमांडर येवगेनी प्रिगोझिन ने उन पर अक्षमता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। प्रिगोझिन ने जून 2023 में शोइगू को हटाने और सेना प्रमुख जनरल वेलेरी गेरासिमोव को हटाने की मांग करते हुए विद्रोह कर दिया था।

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