अन्तर्राष्ट्रीय
पूर्व नेपाल नरेश ओडिशा के 6 दिवसीय दौरे पर
भुवनेश्वर, 7 फरवरी (आईएएनएस)| नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र बीर विक्रम शाह देव बुधवार को यहां छह दिवसीय दौरे पर पहुंचे।
अपने दौरे में वह कई धार्मिक कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे, जिनमें से एक भारतीय देशी गायों को बचाने को समर्पित है। बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उनके पहुंचने पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया।
ज्ञानेंद्र शाह को जतानी के पास राठीपुर में बुधवार को ‘मिशन वावो काऊ गोशाला’ का उद्घाटन करना है। इसका मकसद भारत की देशी गाय को बचाना है।
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व नरेश आठ फरवरी को भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे और इसके बाद सखीगोपाल मंदिर पुरी जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक, वह 9 फरवरी को शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के पट्टाभिषेक के रजत जयंती समारोह में भी शामिल होंगे।
दुनिया के एकमात्र हिंदू राष्ट्र नेपाल के आखिरी हिंदू राजा 11 फरवरी को जगन्नाथ मंदिर का दौरा करेंगे।
पुरानी परंपरा के अनुसार, नेपाल के शाही परिवार के सदस्यों को पुरी के मंदिर में विशेष अधिकार प्राप्त हैं, उन्हें रत्न वेदी (पवित्र वेदी है जिस पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा विराजते हैं) पर जाने और प्रार्थना करने की इजाजत है।
अन्तर्राष्ट्रीय
गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत
नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।
यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।
स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।
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