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राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में महिलाओं ने ‘चेतावनी मार्च’ निकाला

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जयपुर, 22 जनवरी (आईएएनएस)| फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर राजस्थान में विरोध बढ़ता ही जा रहा है। चित्तौड़गढ़ में हजारों महिलाओं ने प्रशासन को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने या फिर उनके जौहर के लिए तैयार रहने की चेतावनी देने के लिए रविवार को तलवार लहराते हुए एक ‘चेतावनी मार्च’ निकाला।

प्रदर्शनकारियों में महिलाएं थी, जिन्होंने पहले ही चित्तौड़गढ़ में जौहर (आग में कूदकर जान देना) करने के लिए पंजीकरण करा रखा है। बताया जा रहा है कि मार्च में 1,908 महिलाएं शामिल हुईं।

प्रदर्शनकारियों ने चित्तौड़गढ़ किले से मार्च शुरू किया और इसे मुख्य बाजार में खत्म किया, जहां उन्होंने जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करता हुआ एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया है कि मार्च यह सुनिश्चित करने के लिए निकाला गया है रानी पद्मिनी के सम्मान को बनाए रखा जाए और 25 जनवरी को फिल्म की रिलीज रोकी जाए अन्यथा राजपूत महिलाएं 24 जनवरी को जौहर करेंगी।

श्री राजपूत करणी सेना के प्रवक्ता विजेंद्र सिंह ने कहा कि उनका संगठन अगले तीन दिनों में भारत भर के सिनेमाघर मालिकों से संपर्क करेगा और उनसे संजय लीला भंसाली की फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने का अनुरोध करेगा।

उन्होंने कहा, हमने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में करीब 100 सिनेमा घरों में संपर्क किया था और उन्होंने लिखित में यह आश्वासन दिया है कि वे फिल्म को प्रदर्शित नहीं करेंगे।

विजेंद्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सिनेमाघर फिल्म दिखाते हैं, तो इसके परिणाम के लिए वे जिम्मेदार होंगे।

उन्होंने कहा कि अहमदाबाद, फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में कुछ सिनेमाघर फिल्म के लिए एडवांस बुकिंग कर रहे थे और इसलिए उन्हें समुदाय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।

विजेंद्र ने कहा कि संगठन ने फिल्म की रिलीज का विरोध करने के लिए 25 जनवरी को देश भर में बंद का आह्वान किया है।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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