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अन्तर्राष्ट्रीय

जयशंकर 3 मार्च को पाकिस्तान दौरे पर जाएंगे

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नई दिल्ली/इस्लामाबाद | विदेश सचिव एस.जयशंकर तीन मार्च को पाकिस्तान दौरे पर जाएंगे। उनकी दक्षेस यात्रा की शुरुआत एक मार्च को भूटान से हो रही है, जिसके बाद वह बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जाएंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन के अनुसार, विदेश सचिव प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) यात्रा के पहले चरण की शुरुआत करेंगे, जिसके तहत वह एक मार्च को भूटान, दो मार्च को बांग्लादेश, तीन मार्च को पाकिस्तान और चार मार्च को अफगानिस्तान जाएंगे।

उन्होंने एक बयान में कहा, “अन्य देशों की यात्रा की तिथियां कूटनीतिक माध्यम से तय की जा रही हैं। इनकी सूचना अलग से दी जाएगी।” उधर, पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने इस्लामाबाद में कहा कि मोदी और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच 13 फरवरी को हुई बातचीत के बाद भारतीय विदेश सचिव एस.जयशंकर तीन-चार मार्च को पाकिस्तान का दौरा करेंगे। तसनीम ने कहा, “इस दौरे पर जयशंकर अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी के साथ मुलाकात करेंगे।”

दोनों तरफ बहुप्रतीक्षित दौरे की तैयारी शुरू हो गई है। इससे पहले मोदी और शरीफ के बीच हुई बातचीत को लेकर अकबरुद्दीन ने कहा था कि जयशंकर इस्लामाबाद सहित दक्षिण एशियाई देशों की राजधानी का दौरा करेंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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