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संकीर्ण जातीय सोच के कारण अदालती फैसले पर बयानबाजी कर रहा राजद : नीतीश मिश्रा

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पटना, 27 दिसंबर (आईएएनएस)| चर्चित चारा घोटाले के एक मामले में अदालत द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को दोषी ठहराए जाने और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी किए जाने के बाद राजद की ओर से की जा रही बयानबाजी से क्षुब्ध पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने राजद नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजद जाति और राजनीति की संकीर्ण सोच के कारण अदालती फैसले पर बयानबाजी कर रहा है, जो न केवल निंदनीय है बल्कि न्यायपालिका का भी अपमान है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के पुत्र नीतीश ने यहां बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि पूर्व मंत्री और लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव ने ट्वीट किया, अगर उनके पिता ‘यादव’ की जगह ‘मिश्रा’ होते तो जेल नहीं जाते। राजद के कुछ अन्य नेताओं ने भी इसी तरह की बातें कही हैं।

मिश्रा ने कहा, इसी मामले में राजद के विद्यासागर निषाद और ध्रुव भगत को भी बरी किया गया है। राजद उनके बारे में क्यों नहीं कुछ कह रहा?

उन्होंने राजद नेताओं को याद दिलाते हुए कहा कि इसके पूर्व 2013 में भी जिस मामले में लालू प्रसाद को पांच वर्ष की सजा हुई थी, उसी मामले में मिश्रा को भी चार साल की जेल हुई थी।

मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा, अगर लालू प्रसाद जी यादव न होते, भगत होते या निषाद होते तो जेल नहीं जाते।

बिहार में हमेशा से जातीय जहर फैलाने का आरोप लगाते हुए मिश्रा ने राजद नेताओं से सवालिया लहजे में कहा कि आखिर और कितना जहरीला माहौल बनाना चाहते हैं?

उन्होंने कहा, किसी भी मामले में हर आरोपी पर जांच एजेंसी के आरोप, उसके खिलाफ सबूत, गवाह अलग-अलग हो सकते हैं और उनपर ‘आरोप’ भी उसी के आधार पर अलग-अलग तय किए जाते हैं। अगर ऐसा न हो तो सीआरपीसी की क्या जरूरत है? क्या एक आरोपी को सजा मिलती है तो बाकी सभी आरोपी को भी वही सजा मिल जाती? राजद क्या ऐसी ही न्याय व्यवस्था का पक्षधर है?

नीतीश ने कहा कि वर्ष 2013 में जब लालू प्रसाद को सजा हुई थी, तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और राजद को उस सरकार का समर्थन था। इसी तरह 1996-97 में जब जांच शुरू हुई थी, तब केंद्र में एच़ डी़ देवेगौड़ा की सरकार थी।

उल्लेखनीय है कि राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी कहा था कि एक ही मामले में किसी को जेल और किसी को बरी। गौरतलब है कि चारा घोटाले के एक मामले में राजद अध्यक्ष दोषी करार दिए गए हैं और फिलहाल वह रांची की एक जेल में हैं।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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