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प्रद्युम्न की याद में ‘बाल भयमुक्ति अभियान’ शुरू

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नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)| गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में बर्बर हत्या का शिकार हुए दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न के नाम पर स्थापित संस्था प्रद्युम्न फाउंडेशन ने रविवार को देशभर के बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘बाल भयमुक्ति अभियान’ का आगाज किया।

मृतक प्रद्युम्न के पिता बरुण चंद्र ठाकुर ने कहा कि निजी स्कूलों के संचालक अपनी मनमानी चलाते हैं, जिसके चलते बच्चों के माता-पिता व अभिभावक हमेशा परेशान रहते हैं। प्रद्युम्न फाउंडेशन का मकसद उनकी इसी परेशानी को दूर करने के लिए काम करेगा। उन्होंने लोगों से इस मुहिम में साथ देने की अपील की।

प्रद्युम्न की मां सुषमा ठाकुर ने भी लोगों से प्रद्युम्न फाउंडेशन से जुड़कर देश के करोड़ों बच्चों की सुरक्षा के लिए इस मुहिम को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

अभियान की इसी कड़ी में नई दिल्ली के राजेंद्र भवन में ‘ट्विंकल ट्विंकल लिट्ल स्टार’ थीम पर सिम्पोजियम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रद्युम्न के माता-पिता के अलावा सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश ज्ञानसुधा मिश्रा, थियेटर कलाकार राज उपाध्याय, बाल अधिकार कार्यकर्ता व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक अग्रवाल, प्रद्युम्न हत्याकांड में मुकदमे की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुशील के. टेकरीवाल, शिक्षाविद् व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बीरबल झा, अधिवक्ता कमलेश मिश्रा समेत सैकड़ों स्कूली बच्चों के माता-पिता ने हिस्सा लिया।

न्यायमूर्ति ज्ञानसुधा मिश्रा ने भारत के करोड़ों बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रद्युम्न के माता-पिता के साथ सड़कों पर उतरे लोगों को व्रतधारी कहा और उनकी इस मुहिम में हर कदम पर साथ देने का भरोसा दिलाया।

पूर्व न्यायाधीश ने प्रद्युम्न की हत्या जैसे मानवीय अपराध को झकझोर देनेवाली घटना बताते हुए कहा कि निजी स्कूलों के लिए नियमन की जरूरत है। उन्होंने कहा, निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर संसद में चर्चा होनी चाहिए और इन स्कूलों पर नियमन के लिए इन्हें जिला शिक्षा अधिकारी के अधीन किया जाना चाहिए।

वहीं, थियेटर कलाकार राज उपाध्याय ने शिक्षा-व्यवस्था की दुर्वस्था के लिए सरकारी तंत्र को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ऊर्जा ऊपर से नीचे की ओर संचरित होती है। मतलब, तंत्र ईमानदार होगा, तो उसका हर अंग ठीक से काम करेगा।

उपाध्याय ने बच्चों में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति के लिए स्कूली व्यवस्था के साथ-साथ पारिवारिक माहौल और माता-पिता की सोच में आए परिवर्तन को भी जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, आज बच्चे कंफ्यूज्ड हैं, क्योंकि परिवार और स्कूल में जो माहौल उनको मिल रहा है, उसमें उसका सही मार्गदर्शन नहीं हो पा रहा है।

उपाध्याय ने बरुण चंद्र ठाकुर को उनकी इस मुहिम में साथ देने का भरोसा दिलाया और उम्मीद जताई कि इस मुहिम से देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव आ सकता है।

वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने स्कूलों में नैतिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई। उनका कहना था कि आज बच्चों को संस्कार की शिक्षा न तो घर में मिलती है और न ही स्कूलों में।

बाल-अपराध और बाल-श्रम के मसलों पर काफी काम कर चुके अग्रवाल ने आंकड़ों के साथ बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था ठीक नहीं होने से 38 फीसदी बच्चे स्कूल स्तर पर ही पढ़ाई छोड़ देते हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता टेकरीवाल ने प्रद्युम्न के माता-पिता के साहस और उनके निर्णय की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बरुण ठाकुर ने अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए जो हिम्मत दिखाई है, उसी का नतीजा है कि इस मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।

कार्यक्रम में डॉ. बीरबल झा रचित गीत ‘क्या गुनाह था उस बच्चे की’ को बिहार की गायिका संजना प्रियदर्शनी ने स्वर दिया। इस गीत ने सबको रुला दिया।

सेमिनार के बाद प्रद्युम्न की याद में कैंडल मार्च निकाला गया, जिसमें न्यायमूर्ति ज्ञानसुधा मिश्रा ने भी हिस्सा लिया। बच्चों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतरीं सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि बरुण ठाकुर की इस मुहिम से अगर देश में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई नीतिगत फैसला लिया जाता है, तो वह दिवंगत प्रद्युम्न की ओर से समाज को एक अमूल्य देन साबित होगा।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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