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मनोरंजन

वजहें अलग पर भाजपा व कांग्रेस, दोनों पद्मावती पर रोक के पक्ष में

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अहमदाबाद, 2 नवंबर (आईएएनएस)| पूरे भारत में एक दिसंबर को रिलीज होने जा रही संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर से संकट के बादल छंट नहीं रहे हैं। इस बार यह फिल्म राजनीतिक विवाद में घिरती नजर आ रही है। सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात में विधानसभा चुनाव होने तक फिल्म की रिलीज डेट टालने की मांग की है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि अगर सच में फिल्म में ‘इतिहास के साथ छेड़छाड़’ हुई है तो इसे सिरे से रिलीज ही नहीं होने देना चाहिए। भाजपा ने बुधवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर गुजरात में 9 व 14 दिसंबर को होने वाले चुनावों तक फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व वरिष्ठ मंत्री आई. के. जडेजा ने कहा, भाजपा का मानना है कि ‘इतिहास की गलत व्याख्या’ की वजह से यह फिल्म क्षत्रिय और राजपूत समुदायों की भावनाओं को आहत कर सकती है। रानी पद्मावती कभी भी अलाउद्दीन खिलजी से नहीं मिली थीं। फिल्म में इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है।

उन्होंने कहा, राज्य में चुनाव होने हैं और ऐसे माहौल में यह जरूरी है कि किसी भी समुदाय से संबंधित विवाद न हो। इसलिए हम राज्य में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए चुनाव आयोग के पास गए हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, चुनाव होने को हैं, भाजपा के एक मंत्री चुनाव आयोग से राज्य में चुनाव समाप्त होने तक पद्मावती पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। यह आपकी सरकार है, इस संबंध में प्रधानमंत्री को लिखें।

गोहिल ने पत्रकारों से कहा, केवल रिलीज टालने से समुदाय की भावना संतुष्ट नहीं होगी। हम मांग करते हैं कि जैसा कि दावा किया जा रहा है, अगर इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है तो फिल्म को कहीं भी रिलीज ही नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले, संबंधित समुदायों के नेताओं के लिए फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग होनी चाहिए और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फिल्म के दृश्यों में काट-छांट की जानी चाहिए।

इससे पहले, 17 जिलों के क्षत्रिय और राजपूत समुदायों के सदस्य फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर कई मंत्रियों से मिल चुके हैं।

इससे पहले, राजस्थान में करनी सेना के सदस्यों ने फिल्म का पोस्टर जलाया था और जयपुर में शूटिंग को बाधित किया था। गुजरात में, इससे पहले अक्टूबर में प्रदर्शनकारियों का समूह सूरत में एक मॉल में घुस गया था और एक स्थानीय युवा कलाकार द्वारा बनाए गई पद्मावती के पोस्टर की रंगोली को बर्बाद कर दिया था।

फिल्म के एक सेट पर लगी आग में लाखों का नुकसान भी निर्माता उठा चुके हैं।

भंसाली की फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में हैं।

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मनोरंजन

फिर बढ़ी एल्विश यादव की मुश्किलें, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

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नई दिल्ली। बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब ईडी ने एल्विश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सांपों के जहर सप्लाई से ही जुड़ा हुआ है। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश और अन्य लोगों के खिलाफ दायर एक एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके अलावा खबर ये भी है कि ईडी एल्विश यादव के साथ-साथ बड़े होटल रिसॉर्ट्स और फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ करेगी। बता दें कि नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश यादव को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। ईडी ने एल्विश पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।

एल्विश यादव को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। सांप के जहर तस्करी मामले में एल्विश यादव गौतमबुद्ध नगर की बक्सर जेल में बंद थे। 17 मार्च को एल्विश को पांच अन्य लोगों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने एक बैंकेट हॉल में छापा मारकर 4 सपेरों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था और 9 सांप और उनका जहर बरामद किया गया था। एल्विश यादव पर आरोप है कि वह रेव पार्टी के लिए सांपों के जहर का इंतजाम करते थे और सांपों का इस्तेमाल अपने वीडियो शूट के लिए भी करते थे।

दरअसल साल 2023 के अंत में पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उनके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने पार्टी वाली जगह पर रेड की थी, जहां पांच सेपेरों के पास से कोबरा समेत नौ सांप और 20 एमएल जहर मिला था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था।

इसके बाद संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात करता सुनाई देता है। इसमें राहुल कह रहा है कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है। राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था। हालांकि, बाद में सभी को जमानत मिल गई थी। पुलिस टीम ने एल्विश यादव के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला, जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया। पूछताछ के बाद उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पांच दिन तक जेल में रहने के बाद एल्विश जमानत पर छूट गया।

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