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बिहार: महिलाओं को दी थी थूक चाटने की सजा, तीन आरोपी गिरफ्तार
बिहार| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहजिला-नालंदा के नूरसराय थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति को भरी पंचायत में महिलाओं से चप्पल से पिटाई कराने और जमीन पर थूककर चटवाने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
नूरसराय के थाना प्रभारी राजन मालवीय ने शनिवार को बताया कि अजयपुर गांव निवासी 55 वर्षीय अजय मांझी को अमानवीय काम कराने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों-अरूण कुमार, रामवृक्ष प्रसाद और नरेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने बताया कि मुखिया सहित पांच अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि, अजयपुर गांव निवासी अजय मांझी गुरुवार को गांव के ही दबंग देवेन्द्र यादव के घर में बिना दरवाजा खटखटाए प्रवेश कर गया, जिसकी वजह से उसका परिवार नाराज हो गया।
पीड़ित का आरोप है कि मुखिया दयानंद मांझी ने देवेन्द्र के कहने पर गांव में पंचायत बुलाई और भरी पंचायत में महिलाओं से चप्पल द्वारा पिटाई कराई गई तथा जमीन पर थूक कर उसे चटवाया गया।
पीड़ित का कहना है कि इसके बाद इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
पीड़ित मांझी ने इस मामले में नूरसराय थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें मुखिया दयानंद मांझी, देवेन्द्र यादव सहित आठ लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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