अन्तर्राष्ट्रीय
‘राजनीतिक साजिश’ का शिकार होने से बाल-बाल बचे शी जिनपिंग
बीजिंग। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्यों ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ‘तख्तापलट’ की साजिश रची थी। चीन के एक शीर्ष अधिकारी का यह दावा है जो पार्टी की ‘एकजुट’ छवि के विपरीत है। शी अब दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने वाले हैं। उनके द्वारा भ्रष्टाचार पर की गई कार्रवाई में कई पार्टी सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया। इसके बाद ही उनके खिलाफ यह साजिश रची गई थी।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ पर्यवेक्षकों ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का इस्तेमाल शी के विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए किया गया। चीन के सुरक्षा आयोग के प्रमुख लियु शियु ने गुरुवार को छह उच्चरैंकिंग वाले शक्तिशाली अधिकारियों के नामों की सूची पेश की, जो ‘बेहद लालची और भ्रष्ट थे तथा जिन्होंने पार्टी नेतृत्व के तख्तापलट की साजिश रची थी।’
लियु की सूची में शामिल शीर्ष नामों में पूर्व सुरक्षा प्रमुख झोऊ योंगकांग, प्रमुख राजनेता बो शिलाई और सुन झेंगकाई शामिल हैं। सुन झेंगकाई पोलित ब्यूरो की निर्णय लेनेवाली इकाई के सदस्य थे, जिन्हें हाल में ही निष्कासित किया गया है। इस सूची में शामिल अन्य नामों में राष्ट्रपति के पूर्व सहयोगी लिंग जिहुआ, भूतपूर्व सेना प्रमुख शु काइहोऊ और पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारी गुओ बोशिओंग हैं।
लियु ने बीजिंग में कहा, “ये मामले यकीनन चौंकानेवाले हैं।” लियु ने कहा कि शी ने ‘इन समस्याओं पर ध्यान दिया और पार्टी और देश के एक बड़े और छिपे हुए खतरे का सफाया कर दिया।’ शी के साल 2012 में पद संभालने के तुरंत बाद शुरू की गई भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में 10 लाख से ज्यादा अधिकारियों को जेल भेजा गया या गिरफ्तार किया गया। हालांकि कइयों का अनुमान है कुछ गिरफ्तारियां राजनीति से प्रेरित थी और अपनी सत्ता को मजबूत करने की शी की समग्र रणनीति का हिस्सा थी।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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