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अन्तर्राष्ट्रीय

एससीओ सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने की जरूरत : सुषमा स्वराज

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संयुक्त राष्ट्र, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आठ सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ समन्वय मजबूत करने और इस लड़ाई को संगठन के बुनियादी ढांचे के अनुरूप बनाने की जरूरत है।

सुषमा ने बुधवार को एससीओ की मंत्रीस्तरीय बैठक के दौरान आतंकवाद की पुरजोर निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद रोधी ढांचा इस संगठन का हिस्सा होना चाहिए। पाकिस्तान भी इस संगठन का सदस्य है।

सुषमा ने बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की।

भारत बीते जून में एससीओ से जुड़ा था। इस संगठन के अन्य सदस्य देशों में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन, रूस और पाकिस्तान हैं।

उन्होंने कहा कि भारत एससीओ को प्रभावी क्षेत्रीय मंच के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक रूप से सहयोग जारी रखेगा और इसके सदस्य देशों के बीच संपर्क बनाए रखना भारत की प्राथमिकता है, लेकिन इसका निर्माण संप्रभुता के सम्मान के साथ किया जाना चाहिए।

इस संदर्भ में सुषमा ने तीन परिवहन परियोजनाओं का उल्लेख किया, जो कनेक्टिविटी लक्ष्यों के लिए प्रासंगिक है, हलांकि इसमें से कुछ एससीओ से बाहर की हैं। ये तीन परियोजनाएं उत्तरी-दक्षिण परिवहन गलियारा, चाबहार समझौता और अश्गाबात समझौता है।

चाबहार समझौता भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच हुआ है। इसके तहत भारतीय सामान तेहरान के जरिए काबुल पहुंच सकते हैं। यह त्रिपक्षीय पारगमन तुर्कमेनिस्तानके जरिए कजाकिस्तान तक बढ़ सकता है।

अश्गाबात समझौता ओमान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और पाकिस्तान को जोड़ने वाला परिवहन गलियारा है। भारत इस समझौते से जुड़ने की प्रक्रिया में है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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