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अरब विवाह रैकेट का भंडाफोड़, 8 शेख गिरफ्तार
हैदराबाद, 20 सितम्बर (आईएएनएस)| हैदराबाद में पुलिस ने एक बड़े अरबी विवाह रैकेट का खुलासा करते हुए ओमान और कतर के आठ नागरिकों और तीन काजियों को गिरफ्तार किया है। रैकेट के शिकारों में नाबालिग लड़कियां भी शामिल थीं। गिरफ्तार किए गए काजियों में मुंबई के मुख्य काजी फरीद अहमद खान शामिल हैं। वहीं हैदराबाद के चार लॉज मालिकों और पांच दलालों को भी गिरफ्तार किया गया है।
सिटी पुलिस कमिश्नर एम. महेंद्र रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया कि अरब के शेख दलालों, काजियों और लॉज मालिकों की मदद से नाबालिग लड़कियों से शादी कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए शेखों में पांच ओमान के और तीन कतर नागरिक हैं।
यह रैकेट हैदराबाद से ओमान और अन्य अरब देशों में फैल रहा था। पिछले महीने हैदराबाद के पुराने शहर फलकनुमा इलाके में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान इस रैकेट का पर्दाफाश किया गया।
एक महिला ने पुलिस से शिकायत की थी कि कुछ दलालों की मदद से उनके पति ने अपनी नाबालिग बेटी को 70 वर्षीय ओमानी नागरिक अहमद अब्दुल्ला को बेच दिया था। लड़की ओमान में फंस गई है।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि लड़की को बचाने, आरोपी को गिरफ्तार करने और उसे हैदराबाद लाने के लिए प्रयास जारी हैं।
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पुणे पोर्श कार केस : आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे के बदले अपना ब्लड सैंपल देने का है आरोप
पुणे। पुणे पोर्श कार केस में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। नाबालिग आरोपी की मां पर अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां ने अपने ब्लज सैंपल से बदल दिया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि घटना के वक्त वह नशे में नहीं था। साथ ही कुछ दिन पहले ही आरोपी की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था। जहां उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया था कि वो उसके बेटे की रक्षा करे। आरोपी की मां ने वीडियो में कहा था कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वो उसके बेटे का नहीं है बल्कि किसी और का है।
बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। मामले के 17 वर्षीय आरोपी को एक सुधार गृह में भेज दिया गया, जबकि उसके पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ए ए पांडे की अदालत ने दो डॉक्टरों, डॉ. श्रीहरि हरनोर और डॉ. अजय तवारे के साथ-साथ अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को किशोर के ब्लड सैंपल में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उसे नमूने बदलने के लिए कहा था, साथ ही पुलिस यह जांच करना चाहती थी कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।
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