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नेशनल

मप्र के दो मंत्रियों के रिश्तेदारों में लेन-देन का विवाद थाने पहुंचा

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रायसेन, 20 सितम्बर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश सरकार के प्रभावशाली और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी दो मंत्रियों के परिजनों और रिश्तेदारों के बीच लेन-देन का विवाद इतना बढ़ गया कि मामला पुलिस तक पहुंच गया है। दोनों पक्षों की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रायसेन जिले के उदयपुरा थाना क्षेत्र में खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ल के भाई विनोद शुक्ल की वीकेएस कंपनी का सिलवानी टोल बैरियर के पास निर्माण कार्य चल रहा है। यह टोल नाका मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के अधीन आता है। वहीं सिलवानी-उदयपुरा मार्ग पर लोकनिर्माण मंत्री रामपाल सिंह के रिश्तेदार वीरेंद्र सिंह का डामर प्लांट है।

रायसेन के पुलिस अधीक्षक जगत सिंह राजपूत ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि विनोद शुक्ल और वीरेंद्र सिंह के बीच लेन-देन का विवाद है। इस मामले की पुलिस में शिकायत की गई है। हालांकि दोनों के बीच के विवाद का खुलासा नहीं किया गया है। पुलिस विवाद की जांच कर रही है जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल किसी भी पक्ष के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है।

इस प्रकरण को लेकर दोनों मंत्रियों से आईएएनएस ने संपर्क किया, मगर उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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