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लड़ाकू हेलीकॉप्टर से बढ़ेगी भारत की ताकत, घातक मिसाइलों से होगा लैस

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नई दिल्ली। चीन के साथ डोकलाम विवाद के बीच रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने भारतीय सेना के लिए अमेरिका से छह अपाचे जंगी हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इन छह अपाचे जंगी हेलीकॉप्टरों की खरीद पर कुल 4,168 करोड़ का खर्च आएगा। ये हेलीकॉप्टर हेलफायर और स्टिंगर जैसे घातक मिसाइलों से लैस होंगे।

आर्मी के पास अब तक बिना हथियार वाले हेलिकॉप्टर रहे हैं। अब वह हथियारबंद हेलीकॉप्टर चाहती है। रक्षा मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद की बैठक में यह मंजूरी प्रदान की गयी। सूत्रों ने बताया कि डीएसी ने इसके अलावा यूक्रेन से 490 करोड़ रुपये में नौसैनिक जहाजों के लिए दो गैस टर्बाइन इंजन खरीदने की भी मंजूरी दी है।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस सौदे के लिए भारतीय सेना ने मंत्रालय से अनुरोध किया था। सेना ने मंत्रालय से 11 अपाचे हेलीकॉप्टर के लिए अनुरोध किया था लेकिन रक्षा मंत्रालय की वित्तीय समिति ने छह हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी दी है।

बता दें कि अपाचे अमेरिका का दो टर्बोशाफ्ट इंजन और चार ब्लेड वाला अटैक हेलीकॉप्टर है। यह हेलीकॉप्टर अपने आगे लगे सेंसर की मदद से रात में भी उड़ान भर सकता है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला अटैक हेलीकॉप्टर है। इससे वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। भारत के वायुसेना के बेड़े में अपाचे की तैनाती से पाकिस्तान और चीन के मोर्चे पर भारत को सैन्य बढ़त मिलेगी। भारत इस एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टर के साथ अमेरिका से संबद्ध उपकरण, स्पेयर पार्ट्स, प्रशिक्षण एवं गोला-बारूद भी लेगा।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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