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बच्चों को तेजी से गिरफ्त में ले रहा अस्थमा

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नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| भारत में लगभग 70 करोड़ लोग कोयला या केरोसिन स्टोव व अन्य घरेलू स्रोतों से निकलने वाले धुएं में सांस लेते हैं। यह धुआं कार्बन कणों, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड, फॉर्मलडीहाइड और कैंसर कारक पदार्थ जैसे बेंजीन से भरपूर होता है। एक अध्ययन के अनुसार यह धुआं देश में अस्थमा का एक प्रमुख कारण है और यह बच्चों को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि भारत में 1.5 से दो करोड़ लोगों को दमा की शिकायत है और यह संख्या कम होने के कोई संकेत नहीं नजर आ रहे। अध्ययनों से यह भी संकेत मिलता है कि बच्चों में अस्थमा का प्रसार अधिक होता है, क्योंकि उनकी सांस की नली छोटी होती है, जो सभी प्रदूषकों के कारण संकुचित होती जाती है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, अस्थमा एक पुराना श्वसन रोग है। यह ब्रोंकियल पैसेज के कम होते जाने का परिणाम है, जो फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है। अस्थमा के दो कारण हो सकते हैं- वायुमार्ग में बलगम एकत्र होने के कारण फेफड़े में सूजन और वायुमार्ग के चारों ओर की मांसपेशियों के तंग होने के कारण सूजन।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, अस्थमा अक्सर खांसी के रूप में शुरू होता है, इस कारण इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। अक्सर कफ सिरप लेकर इसका इलाज करने की कोशिश की जाती है। बच्चों में इसकी पहचान करना मुश्किल होता है, क्योंकि उनमें श्वसन, घरघराहट, खांसी और छाती की जकड़न आदि लक्षण एकदम से नहीं दिखते। इसके अलावा, प्रत्येक बच्चे का अस्थमा अलग तरह का होता है।

उन्होंने कहा कि कुछ ट्रिगर अस्थमा के दौरे को बदतर भी बना सकते हैं। एक बार यदि एक बच्चे को अस्थमा होने का पता लग जाता है, तो घर से उसके कारणों या ट्रिगर्स को हटाने की जरूरत है या बच्चे को इनसे दूर रखने की जरूरत है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया, युवा बच्चों को यह समझ नहीं आता कि अस्थमा कैसे उनको नुकसान पहुंचा सकता है और इससे उनका दैनिक जीवन कैसे प्रभावित हो सकता है। यहां शिक्षा काम की चीज है। अस्थमा वाले बच्चों के माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चा अपनी उस हालत के बारे में जागरूक है या नहीं। उसे आपातकालीन परिस्थिति के बारे में भी बता कर रखना चाहिए ताकि मुश्किल होने पर वह मदद मांग सके।

बच्चों में अस्थमा और संबंधित लक्षणों के प्रबंधन के कुछ सुझाव :

* उन्हें नियमित दवाएं लेने में मदद करें

* नियमित रूप से चिकित्सक के पास ले जाएं

* उन्हें केवल निर्धारित दवाएं ही दें

* किसी भी ट्रिगर से बचने के लिए एहतियाती उपाय करें

* इनहेलर सदैव साथ रखें और सार्वजनिक रूप से इसका इस्तेमाल करने में शर्म महसूस न करने के लिए प्रोत्साहित करें।

* यदि बच्चे को कोई अन्य बीमारी परेशान कर रही हो तो डॉक्टर को सूचित करें।

* तनाव कम करने और शांत व खुश रहने में बच्चे की मदद करें।

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नेशनल

दिल्लीवासियों को पानी मुहैया नहीं करा सकते तो इस्तीफा दें केजरीवाल: बीजेपी

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में इस समय पानी की भारी किल्लत हैं। इस मुद्दे पर वहां पर सियासत भी खूब देखी जा रही है। बता दें कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ बीते 2 दिनों से लगातार बीजेपी पानी की किल्लत को लेकर प्रदर्शन कर रही है। बीजेपी की ओर से आईटीओ स्थित शहीदी पार्क के पास केजरीवाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बीजेपी नेताओं ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि अगर आप दिल्लीवासियों को पानी मुहैया नहीं करा सकते तो इस्तीफा दे दो।

बीजेपी ने आगे कहा कि पंजाब में अभी मतदान होना है, इसलिए वहां सहानुभूति वोट पाने के लिए केजरीवाल नौटंकी कर रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने केजरीवाल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल को जेल जाने से डर लगता है क्योंकि उन्हें शीशमहल की सुविधाओं की आदत हो गई है और तिहाड़ जेल में उन्हें वह सारी सुविधाएं नहीं मिलती है, जिसकी व्यवस्था उन्होंने अपने लिए शीशमहल में की हुई है।

उन्होंने कहा कि इसी कारण केजरीवाल अलग-अलग प्रकार के बहाने ढूंढते हैं। कभी कहते हैं कि उन्हें चुनाव में प्रचार करना है तो कभी कहते हैं कि उनकी तबियत खराब है। तिहाड़ जेल का प्रशासन तो उन्हीं की दिल्ली सरकार के अधीन आता है और केजरीवाल के मंत्री ही तिहाड़ जेल का प्रशासन चलाते हैं। अगर तिहाड़ जेल के अंदर उनके स्वास्थ्य की चिंता नहीं की जा रही है तो इसके लिए उनकी अपनी सरकार और उनके अपने ही मंत्री जिम्मेदार हैं।

तिहाड़ जेल में अच्छे डॉक्टर हैं, एम्स एवं अन्य अस्पतालों के साथ भी उनका टाइअप है। भाजपा के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पानी के संकट के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए भ्रष्टाचार को लेकर जमकर निशाना साधा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने दिल्ली जल बोर्ड में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि पानी संकट के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। दिल्ली में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए केजरीवाल सरकार गंभीर नहीं है।

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