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अलगाववादियों की गिरफ्तारी के खिलाफ कश्मीर बंद

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श्रीनगर, 25 जुलाई (आईएएनएस)| आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में हुर्रियत के सात नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में अलगाववादियों द्वारा आहूत बंद और सरकार द्वारा निषेधाज्ञा लगाए जाने के चलते मंगलवार को कश्मीर घाटी में सामान्य जन-जीवन ठप रहा तथा दुकानें और अन्य कारोबार पूरी तरह बंद रहे। जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादियों द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए श्रीनगर के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया।

अलगाववादी दल, हुर्रियत कांफ्रेंस के दो भिन्न गुटों के नेताओं – सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक- को श्रीनगर में उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है। गिलानी और फारूक ने बंद का आह्वान किया था।

जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक को श्रीनगर सेंट्रल जेल में रखा गया है।

जिलाधिकारी ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत रैनवारी, खानयार, नौहट्टा, एम.आर. गंज और सफा कदाल में निषेधाज्ञा लगाने का आदेश जारी किया था।

श्रीनगर और घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में सार्वजनिक परिवहन, दुकानें, अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह बंद रहे।

पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दस्तों ने कर्फ्यू वाले इलाकों में वाहनों और पैदल आवाजाही पर रोक लगा दी।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कारणों से घाटी में रेल परिचालन भी बंद कर दिया गया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा सोमवार को कई अलगाववादी नेताओं को आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में गिरफ्तार करने के बाद अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया।

गिरफ्तार नेताओं में गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह और गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत के प्रवक्ता अयाज अकबर शामिल हैं।

गिरफ्तार अन्य अलगाववादियों में नईम खान, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शाहिद-उल-इस्लाम, पीर सैफुल्ला तथा मेहराजुद्दीन कलवल शामिल हैं।

दिल्ली की एक अदालत ने गिरफ्तार सभी आलगाववादियों को एनआईए की 10 दिनों की हिरासत में सौंप दिया।

इस बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अधिकारियों द्वारा इस सप्ताह कोई कारोबार न होने की घोषणा के बाद मंगलवार को श्रीनगर और मुजफ्फराबाद के बीच नियंत्रण रेखा पार से होने वाले कारोबार रोक दिया गया।

पुलिस ने पिछले सप्ताह भारतीय सीमा क्षेत्र में एक वाहन चालक मुहम्मद यूसुफ को मुजफ्फराबाद के नजदीक चाकोती से गिरफ्तार किया था और उसके वाहन से 66 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किया था।

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नेशनल

15 दिन की पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, समर्थकों ने किया स्वागत

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पटना। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह रविवार को पटना की बेऊर जेल से बाहर निकल गये हैं। गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अनंत सिंह को जेल से 15 दिनों की पैरोल मिली है। वह सुबह लगभग 4:00 बजे जेल से बाहर निकले।आनंद सिंह के जेल से बाहर निकलने की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है। अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक़ आपसी पारिवारिक बंटवारे को लेकर अनंत सिंह ने न्यायालय में कोर्ट से पैरोल पर इसके लिए आदेश मांगा था। पेरोल पर आदेश मिलने के बाद आनंद सिंह को लेकर गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था। रविवार की अहले सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था।

अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह वर्तमान में राजद के विधायक हैं। बिहार में वर्तमान में लोकसभा का चुनाव चल रहा है। चौथे चरण 13 में को बिहार के मुंगेर में लोकसभा के चुनाव का मतदान होना है। इसे लेकर भी अनंत सिंह के जेल से बाहर आने को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

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