Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

मानसून में फंगल इन्फेक्शन को न करें नजरअंदाज, डॉक्टर को तुरंत दिखाए

Published

on

फंगल इन्फेक्शन, डॉक्टर ,मानसून, बारिश, डर्माटाइटिस

Loading

मानसून में फंगल इन्फेक्शन की न करें अनदेखी

नई दिल्ली। बारिश की फुहारें और सुहावना मौसम लाने वाला मानसून त्वचा संबंधी कई बीमारियां भी साथ लेकर आता है। मानसून में कई लोगों को खुजली, मुंहासे या फिर त्वचा के अधिक तैलीय होने की समस्या होती है, लेकिन बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण सर्वाधिक परेशानी का सबब बनते हैं और समय रहते इन पर सावधानी न बरती जाए तो यह समस्या गंभीर हो जाती है।

राष्ट्रीय राजधानी के सर गंगा राम अस्पताल के त्वचा विशेषज्ञ डॉ. रोहित बत्रा ने इस समस्या से बचने के लिए बताया, “फंगल संक्रमण का सबसे आम कारण आद्र्रता है, जिसके कारण डर्माटाइटिस (त्वचा का लाल होना या सूजन होना) और बालों में रूसी जैसी समस्या होती है।
सामान्य फंगल संक्रमण की तुलना में स्कैल्प (सिर की त्वचा) संक्रमण के लक्षण थोड़े अलग होते हैं। आपने अक्सर सिर पर छोटे फोड़े या चिपचिपी परत देखी होगा। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके विशेषज्ञ की मदद लें।
अगर इसका समय पर उपचार न हो तो बाल झड़ने लगते हैं और समस्या भी बढ़ सकती है। इस समस्या की पहचान करना बहुत आसान है। अगर आपको सिर में खुजली, बालों का गिरना, सिर पर फोड़ा या फुंसी जैसी परेशानी हो तो तुरंत चिकित्सक के पास जाएं।”

फंगल इन्फेक्शन, डॉक्टर ,मानसून, बारिश, डर्माटाइटिस

सिर की त्वचा में संक्रमण से बचाव और उपचार के बारे में उन्होंने बताया, “अपने सिर को सूखा रखना चाहिए। बारिश में भीगने के बाद अगर आपने बालों को सही तरीके से न सुखाया तो यह बालों में नमी का कारण बनती है। यह फंगल संक्रमण का कारण है। मानसून में फंगल संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका सफाई है। ऐसे में हम आपको एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल पाउडर इस्तेमाल करने का सुझाव भी देंगे।”

बारिश के आने से हमारी जलवायु का वातावरण भी बदलता है। वातावरण में नमी बढ़ जाती है। नमी के कारण हमारी त्वचा पर इसका काफी असर पड़ता है। इस मौसम में त्वचा संबंधी रोग, संक्रमण और जलन आदि का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। इस दौरान हवा में मौजूद नमी शरीर में तेल के स्राव को बढ़ाती है।

अमृतसर के अमनदीप अस्पताल में वरिष्ठ प्लास्टिक, कॉस्मेटिक एंड माइक्रोवस्कुलर सर्जन डॉ. रवि महाजन बताते हैं, “हम सभी मानसून और बारिश का खूब आनंद लेते हैं, लेकिन यह हमारे बालों और त्वचा के लिए समस्याएं भी खड़े करता है। इस मौसम में त्वचा के संक्रमण, मुंहासे, बालों में चिपचिपाहट और उनका झड़ना आम बात है। लेकिन खानपान और साफ-सफाई का ध्यान रखकर इन समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। मौसम के हिसाब से स्वच्छता का ध्यान रखें और अधिक तैलीय भोजन से परहेज करें।

दिल्ली के द्वारका स्थित वेंकटेश्वर अस्पताल के त्वचा विभाग की अध्यक्ष व वरिष्ठ कंसल्टैंट डॉ. रचना जगिया ने कहा, “नमी के स्तर और वातावरण में संक्रमण बढ़ने से हमारे बाल और त्वचा भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होते हैं। फंगल संक्रमण की संभावना कम करने के लिए नहाने के बाद शरीर को सूखे तौलिए से तुरंत सुखाएं। हर समय शरीर को सूखा रखने की कोशिश करें।

बालों को सप्ताह में दो बार अच्छी तरह धोएं। मानसून में फंगल संक्रमण से बचने के लिए सही उत्पाद का चुनाव कर उसका प्रयोग करें। त्वचा के लिए एंटीबैक्टीरिया वाला साबुन प्रयोग करें। हर्बल उत्पादों का अधिक प्रयोग करें।”

दिल्ली के डर्मावल्र्ड स्किन एंड हेयर क्लिनिक्स की कॉस्मेटिक फिजिशियन, डॉ. नेहा मित्तल ने कहा, “इस मौसम की समस्याओं को लोग अनदेखा कर देते हैं, जबकि कभी-कभी यह गंभीर रूप ले लेती है। अधिकांश लोग चिकित्सक के पास न जाकर बाजार से फंगल संक्रमण की दवाएं खरीदकर उनका प्रयोग करते हैं, जो बहुत गलत है। एक ही दवा सभी पर एक तरह प्रभाव करे, यह जरूरी नहीं है।

लोगों में फंगल संक्रमण के कारण और लक्षण अलग-अलग होते हैं। यह एक से दूसरे में भी आसानी से फैल सकता है। त्वचा विशेषज्ञ ही सही तरीके से जांच कर समस्या का उपचार बता पाते हैं। किसी विशेषज्ञ के पास जाकर आप अपनी समस्या को सही तरीके से ठीक कर सकते हैं।”

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

Published

on

By

workout for depression

Loading

नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

depression, workout for depression, workout for depression news,

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

Continue Reading

Trending