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नेशनल

उप्र : गायत्री प्रजापति मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा

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लखनऊ, 13 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सामूहिक दुष्कर्म और नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में सुनवाई करते हुए मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।

मामले की अगली सुनवाई चार जुलाई को होगी।
उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा कि गायत्री प्रजापति के मामले में उनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म के साथ ही पॉक्सो लागू होता है या नहीं, इसका जवाब दे। उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार से इस सवाल पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई चार जुलाई को लखनऊ पीठ में की जाएगी।

सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो के मामले में गायत्री को जिला न्यायाधीश ने जमानत दी थी। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में याचिका दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने गायत्री की जमानत याचिका रद्द कर दी थी।

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नेशनल

स्वाति मालीवाल ने निर्भया कांड को किया याद, कहा- अब पार्टी के लोग एक आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं

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नई दिल्ली। आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने रविवार को 12 साल पुराने निर्भया कांड को याद करते हुए कहा कि अब पार्टी के लोग एक आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार के खिलाफ 13 मई को सीएम आवास के भीतर बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराने वाली मालीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “एक समय था जब हम सब निर्भया के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर निकले थे। आज, 12 साल बाद, हम उस आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं जिसने सीसीटीवी फुटेज मिटा दिया और फोन को फार्मेट कर दिया।”

उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “काश उन्होंने मनीष सिसोदिया जी के लिए इतनी ताकत झोंकी होती। यदि वह यहां होते तो हो सकता है कि मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ होता।” विभव कुमार को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और देर रात एक स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसे जो सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराया गया है वह ब्लैंक है। कुमार ने अपना मोबाइल फोन पुलिस को दिया लेकिन पासवर्ड नहीं बताया। इसके अलावा कुमार ने खराबी का बहाना बनाकर एक दिन पहले अपना मोबाइल फॉर्मेट कर दिया था।

पुलिस ने अदालत को बताया कि फोन को फॉर्मेट करने से पहले उसके डाटा को क्लोन करना होता है। इसलिए, उनके फोन के डाटा को वापस हासिल करने के लिए उन्हें मुंबई ले जाया जाएगा क्योंकि डाटा रिट्रीव करने के लिए विशेषज्ञों के समक्ष उनकी उपस्थित जरूरी है। पुलिस ने मामले में छेड़छाड़ और गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। सिविल लाइंस थाने में दर्ज मामले में आईपीसी की धारा 308 (गैर-इरादतन हत्या), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354बी (महिला का चीरहरण करने के उद्देश्य से बलप्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (महिला का शीलभंग करने वाले शब्द, भंगिमा या कार्य) के तहत आरोप लगाये गये हैं।

 

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