प्रादेशिक
जरा बचके! दिल्ली में जेब काटने वालों में 90 फीसदी लेडीज
नई दिल्ली। देश में एक तरफ महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं वहीं अपराध की दुनिया में भी वो पुरुषों के साथ कदमताल कर रही हैं। इसका खुलासा दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा रहे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की एक सनसनीखेज रिपोर्ट में हुआ है। खबर के मुताबिक मेट्रो में जेब काटने के 90 फीसदी मामलों में महिलाएं शामिल हैं।
अर्धसैनिक बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया, च्पॉकेटमारी की घटनाओं को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर एहतियाती अभियान शुरू किया गया है और इस कार्य में कई दलों को लगाया गया है। दिल्ली मेट्रो में पॉकेटमारी की घटना हर दिन होती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में सीआईएसएफ ने अब तक 373 पॉकेटमारों को पकड़ा हैं, इनमें से 329 महिलाएं हैं।
सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पॉकेटमारी की घटनाओं को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर एहतियाती अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में कई दलों को लगाया गया है। अधिकारी ने बताया कि चोरों को चिन्हित करने और इस तरह की घटनाओं पर विराम लगाने के लिए कुछ समय पहले चोरी रोधी दस्ते के जवानों को सादे लिबास में और वर्दी में सभी मार्गों पर तैनात किया गया है।
इसके अलावा सीआईएसएफ ने जेब कटने के लिहाज से संवेदनशील मेट्रो स्टेशनों की भी पहचान की है। ये मेट्रो स्टेशन कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, नई दिल्ली, राजीव चौक, हुडा सिटी सेंटर, शहादरा, कीर्ति नगर और तुगलकाबाद हैं।
अफसरों ने बताया कि महिला पॉकेट मार गैंग में काम करते हैं और अधिकतर वह अपने साथ बच्चों को लेकर चलते हैं। जिससे ध्यान बांटा जा सके। एक अफसर ने बताया, ‘लोग बच्चे के साथ सफर कर रही महिला पर शक नहीं करते और इसी का फायदा वे उठाते हैं।’
प्रादेशिक
गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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