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अन्तर्राष्ट्रीय

इंग्लैंड में एक शख्‍स ने चाकू की नोक पर कर्मचारियों को बनाया बंधक

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इंग्लैंड, चाकू, बंधक, जॉब

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इंग्लैंड के न्यूकैसल में हथियारबंद व्‍यक्ति ने आज (शुक्रवार को) चाकू की नोक पर एक जॉब सेंटर के कर्मचारियों को बंधक बना लिया। घटना के बाद पुलिस ने मेट्रो स्टेशन अगले आदेश तक खाली करा लिया है।

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मेट्रो स्टेशन के पास के स्टूडेंट एकॉमेडेशन सेंटर को भी खाली करवाया गया है। नॉर्थम्बरिया पुलिस ने फिलहाल किसी तरह की अनहोनी से इनकार किया है। पुलिस ने कहा है कि हथियारंबद शख्स से बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत जारी है।

ब्रिटिश पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि पुलिस के अधिकारी उस शख्स तक पहुंच चुके हैं। उसके हाथ में एक धारदार चाकू है। उसने कई कर्मचारियों को बंधक बना रखा है। पुलिस का मानना है कि जिस शख्स ने लोगों को बंधक बनाया है उसका जॉब सेंटर से पुराना ताल्लुक रहा होगा। फिलहाल पुलिस इस मामले में ज्यादा कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है।

पुलिस हालात को काबू में पाने की हरसंभव कोशिशों में जुटी है। पुलिस ने इस घटना के पीछे किसी आतंकी का हाथ है या नहीं, ऐसा अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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