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हेल्थ

सरसों का तेल दिल के लिए लाभकारी

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नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)| आवश्यक वसा अम्ल और प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स के आदर्श अनुपात वाला सरसों का तेल स्वास्थ्यवर्धक खाद्य तेलों में से एक है, जो दिल के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, स्वाद से तीखे सरसों के तेल में लगभग 60 प्रतिशत मोनोसैचुरेटेड वसा अम्ल (एमयूएफए), 21 प्रतिशत पॉलीअनसेचुरेटेड वसा (पीयूएफए) और लगभग 12 प्रतिशत संतृप्त वसा होती है।

द्वारका स्थित वेंकटेश्वर अस्पताल की रीति कपूर ने आईएएनएस से कहा, स्वास्थ्यवर्धक वसा कहलाने वाले उच्चस्तरीय एमयूएफए और पीयूएफए अच्छे कोलेस्ट्रॉल को सुधारने के साथ ही हृदय के स्वास्थ्य और निम्न बुरे कोलेस्ट्रॉल को भी ठीक स्तर पर बनाए रखता है।

इसके अलावा इसमें 1:2 आदर्श अनुपात में छह प्रतिशत ओमेगा-3 वसा अम्ल (एन-3) और 15 प्रतिशत ओमेगा-6 (एन-6) सहित दो आवश्यक वसा अम्ल होते हैं। ये हृदय के लिए बहुत लाभकारी माने जाते हैं, क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करते हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि सरसों का तेल शरीर में ट्राइग्लीसराइड्स (रक्त में पाया जाने वाला वसा) को कम कर हृदय को स्वस्थ रखता है।

गुड़गांव में कोलंबिया एशिया अस्पताल की पोषण विशेषज्ञ परमीत कौर ने आईएएनएस से कहा, हृदय अनुकूल तेल को कोलेस्ट्रॉल और असंतृप्त वसा रहित, निम्न संतृप्त वसा, उच्च मोनोअनसैचुरेटेड वसा और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा युक्त होना चाहिए। इसके अलावा तेल में एन6 से एन3 अम्ल का आर्दश अनुपात होना चाहिए। सरसों का तेल इन सभी मानदंडों को पूरा करता है।

इस शोध के अनुसार, खाना पकाने में सरसों के तेल के उपयोग से हृदय रोग के सबसे सामान्य प्रकार कोरोनरी आर्टरी डिसीस (सीएडी) की संभावना लगभग 70 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

यह रक्त के प्रवाह को ठीक करने और शरीर को उच्च रक्तचाप से बचाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सरसों का तेल जैतून तेल से भी अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसके साथ ही यह वनस्पति तेल जैसे अन्य रिफाइंड तेल से भी बेहतर होता है।

पुरी ऑइल मिल्स लिमिटेड के डीजीएम (कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशंस) उमेश वर्मा का मानना है, पांच गुना महंगे जैतून के तेल में ओमेगा-6 (एन6) और ओमेगा-3 (एन3) वसा अम्ल आर्दश अनुपात नहीं होता है, जो हृदय की जलिटलताओं को रोकने में कारगर होता है। जबकि सरसों के तेल में इसका अनुपात 1.2 का होता है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुसंशित अनुपात 1.25 के काफी करीब है।

सरसों के तेल का इस्तेमाल भोजन के अलावा कई अन्य कामों जैसे शरीर और नवजात शिशुओं और वयस्कों के शरीर और बाल की मालिश में किया जाता है। इसका पेट और त्वचा के रोगों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

तेल के उत्पादन के दौरान बीटा कैरोटीन विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है, जो बालों को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा है। इसके अलावा इसमें लौह तत्व, वसा अम्ल, कैल्शियम और मैग्नीशियम भी पाए जाते हैं, जो बालों के पोषण में मदद करते हैं।

यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कॉर्डियोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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लाइफ स्टाइल

गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल

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benefits of eating radish daily in summer

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नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।

इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?

RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।

हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।

दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।

ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।

मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।

न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।

स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।

इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।

हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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