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कश्मीरियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है सरकार : राजनाथ

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नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि कश्मीर मुद्दा ‘चुटकियों’ में नहीं सुलझाया जा सकता और सरकार युवाओं सहित कश्मीर के हर उस तबके के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, जो केंद्र के साथ बात करना चाहता है, हालांकि उन्होंने अलगाववादियों से बातचीत के सवाल को टाल दिया। राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार लोगों का विश्वास हासिल कर कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान चाहती है।

राजनाथ ने कहा कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

राजनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर प्रेस वार्ता में कहा, लोकतंत्र में सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के माध्यम से हो सकता है। हम बातचीत के माध्यम से मुद्दे का समाधान करना चाहते हैं। जो कोई भी हमसे बातचीत करना चाहता है, हम उसके लिए तैयार हैं। अगर युवाओं का कुछ संगठन बातचीत करना चाहेगा, तो हम उसके लिए तैयार हैं। कश्मीरी युवा देश के भविष्य हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार हुर्रियत से बातचीत करेगी, सिंह ने कहा, कश्मीर में कुछ ताकतें हैं, जो अपने फायदे के लिए पाकिस्तान के आदेश पर कश्मीरी युवाओं को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। यह वही पाकिस्तान है, जो अपना पूर्वी हिस्सा (अब बांग्लादेश), बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध तथा फाटा नहीं बचा सका। पाकिस्तान क्या कर सकता है? मुझे समझ में नहीं आता कि इस पाकिस्तान के प्रभाव में आकर अलगाववादी क्या हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। हम उन्हें (अलगाववादियों) कश्मीरी युवाओं के भविष्य के साथ खेलने की अनुमति नहीं देंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार समस्या का स्थायी समाधान ढूंढने को इच्छुक है, जो सन् 1947 से लटकी पड़ी है।

उन्होंने कहा, हम कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान चाहते हैं। ईमानदारी से कहूं, तो मैं इस मुद्दे का समाधान कश्मीरी लोगों को विश्वास में लेकर करना चाहता हूं। यह मुद्दा चुटकियों में नहीं सुलझ सकता। इसमें वक्त लगेगा, लेकिन हम इसका स्थायी समाधान निकालेंगे। हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पूरी तरह खत्म होगा और एक ऐसा माहौल बनेग, जिसमें लोग शांति तथा सौहार्द के साथ रहेंगे।

कश्मीर मुद्दे के स्थायी समाधान की रूपरेखा के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, हम क्या करेंगे, उसे देखते जाइए।

राज्य के विकास की प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कश्मीरी युवाओं से पत्थरबाजी छोड़कर सरकार के साथ हाथ मिलाने की अपील की।

सिंह ने कहा, कश्मीर के भविष्य की राह में आने वाली हर बाधाओं को हम दूर कर देंगे। प्रकृति ने कश्मीरी युवाओं को कई सारे कौशल दिए हैं। यह पत्थरबाजी के लिए नहीं है। वे कश्मीर के भविष्य हैं। वे देश के भविष्य हैं।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात काबू में हैं और जल्द ही उसपर पूरी तरह नियंत्रण होगा।

गृहमंत्री ने कहा, साल 2011-13 के दौरान 239 आतंकवादियों को ढेर किया गया, जबकि साल 2015-16 में यह संख्या बढ़कर 368 हो गई।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी दावा किया कि सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद साल 2016 की तुलना में इस साल घुसपैठ में 45 फीसदी की कमी आई है।

मंत्री ने जम्मू एवं कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे विकासात्मक कार्यो को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

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जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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