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सभी राज्य 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने को राजी : थॉमस इसाक
नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| सभी राज्यों ने 1 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने पर सहमति जताई है। यहां चल रही जीएसटी परिषद की 15वीं बैठक में बाकी बचे 6 सामानों की करों की दरों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसमें सोना भी शामिल है। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने जीएसटी परिषद की बैठक के बीच में विराम के दौरान शनिवार दोपहर कहा, सभी राज्य 1 जुलाई से जीएसटी को लागू करने पर सहमत हो गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि परिषद में 6 सामानों पर कर की दरों को तय करने के लिए चर्चा हो रही है, जिसमें सोना, वस्त्र, चप्पल-जूते, बिस्कुट और बीड़ी शामिल है।
वहीं, 1,211 सामानों पर कर की दरों को पिछले परिषद की श्रीनगर में हुई बैठक में तय किया गया है।
इस सप्ताह के शुरू में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने 1 जुलाई से जीएसटी को लागू करने पर गंभीर संदेह जताया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली जीएसटी परिषद के प्रमुख हैं। उन्होंने गुरुवार को उद्योग जगत से जीएसटी के लिए तैयार रहने को कहा और कहा कि इसे लागू करने की तारीख में बदलाव नहीं होगा।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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