Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

गोवा में मारे गए विदेशियों के परिजनों का मोदी के नाम खुला पत्र

Published

on

Loading

पणजी, 30 मई (आईएएनएस)| गोवा में जिन विदेशी पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी, उनके रिश्तेदारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस मामले पर पर्दा डाल रही है। पीड़ितों के रिश्तेदारों ने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग भी की है।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि गोवा के पुलिसकर्मी पैसों के लिए स्थानीय अपराधियों को संरक्षण प्रदान करते हैं और यही स्थानीय असामाजिक तत्व विदेशी पर्यटकों के साथ दुष्कर्म और उनकी हत्या में शामिल रहे हैं।

पत्र में आगे कहा गया है, हमने अनुरोध किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया जाए, जो काइतान्या होल्ट, फेलिक्स दहल, जेम्स दुर्किन, काइल आन्र्ट, स्कार्लेट कीलिंग, डेनिज स्वीनी, स्टीफेन बेनेट, मार्टिन नेबर, माइकल हार्वे और जोनाथन बारबैंक की हत्या की जांच की निगरानी करें, ताकि उनकी हत्या की सच्चाई सामने लाने के लिए उचित, निष्पक्ष एवं विस्तृत जांच सुनिश्चित हो।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में आगे कहा गया है, गोवा में पुलिस के काम की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। हत्याओं की जांच करने के बजाय पुलिस सच्चाई पर पर्दा डालना चाहती है।

मारे गए विदेशी पर्यटकों के रिश्तेदारों ने आगे कहा है कि हाल के समय में विदेशी पर्यटकों के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों के चलते गोवा ‘दुनिया का दूसरा सबसे खतरनाक पर्यटक स्थल बन चुका है’।

उनका कहना है, हमारे प्रियजनों की हत्या के बाद से गोवा में हर सप्ताह कम से कम एक विदेशी पर्यटक की मौत हो रही है और अनेक स्थानीय नागरिकों की भी हत्या हुई है..इन हत्याओं में, चाहे विदेशी पर्यटक मारे गए हों या स्थानीय नागरिक, वही स्थानीय अपराधी शामिल रहे हैं। स्थानीय अपराधियों, गोवा पुलिस, ड्रग माफिया और राजनीतिज्ञों के बीच सांठगांठ और इन हत्याओं में उनकी संलिप्तता का खुलासा करने के लिए निष्पक्ष, स्वतंत्र जांच की जरूरत है।

Continue Reading

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

Continue Reading

Trending