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केजरीवाल का केंद्र पर Attack; दुश्मनी हमसे, दिल्लीवासियों से न लें बदला

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर आप सरकार में दो नए मंत्रियों को शामिल करने के लिए मंजूरी देने में विलंब करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने ट्वीट किया, “केंद्र दो मंत्रियों की फाइल पर 10 दिनों से बैठी हुई है। इससे दिल्ली सरकार के ढेरों काम रुके हुए हैं। आपकी दुश्मनी हमसे है, लेकिन दिल्ली वासियों से अपना बदला मत लीजिए।”

केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे विलंब को ‘राजनीतिक बदले’ की कार्यवाही कहा।

केजरीवाल ने छह मई को तत्कालीन जल, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा को बर्खास्त कर दिया था और आप विधायकों राजेंद्र पाल गौतम और कैलाश गहलोत को मंत्रिमंडल में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है।

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा है, “चूंकि कपिल मिश्रा का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म हो चुकी है, इसलिए केंद्र को अब उन फाइलों पर मंजूरी दे देनी चाहिए।”

आप के नेता आशुतोष ने भी ट्वीट किया है कि केंद्र सरकार आप सरकार को मंत्री तक नियुक्त नहीं करने दे रही है। मंत्री नियुक्ति की फ़ाइल भेजे दस दिन हो गये, कोई जवाब नहीं।

इससे पूर्व मंगलवार को पार्टी में दरार की अटकलों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप के सभी विधायकों और उनके परिवार के लोगों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया। पार्टी विधायकों ने रात्रि भोज को मुख्यमंत्री की तरफ से आयोजित सामान्य स्नेह मिलन समारोह बताया, लेकिन कहा कि नेतृत्व संदेश देना चाहता है कि सभी विधायकों से अच्छे संपर्क हैं।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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