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तिब्बत पर नीति में कोई बदलाव नहीं : भारत

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नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को कहा कि तिब्बत और चीन के साथ सीमा मुद्दों को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने शुक्रवार को कहा, “मैं स्पष्ट कर दूं कि चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत को लेकर सरकार की जो भी नीति रही है, उसमें कोई बदलाव नहीं आया है।”

भारत का यह बयान तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे के बाद आया है। दलाई लामा ने चार से 11 अप्रैल तक अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था।

बागले से पूछा गया था कि क्या दलाई लामा का अरुणाचल दौरा तिब्बत या फिर चीन के साथ सीमा विवाद पर भारत की नीति में परिवर्तन का संकेत है? इस पर बागले ने कहा, “सीमा विवादों के समाधान के लिए हमारे निष्पक्ष, न्यायोचित व दोनों पक्षों की स्वीकार्यता के दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आया है।”

उल्लेखनीय है कि दलाई लामा के अरुणाचल दौरे पर चीन ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए चेताया कि इससे भारत और चीन का संबंध प्रभावित हो सकता है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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