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मोदी सरकार इतिहास एवं विरासत से छेड़छाड़ कर रही है : कांग्रेस

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नई दिल्ली । कांग्रेस ने राज्यसभा में केंद्र की मोदी सरकार पर स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास एवं विरासत से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस सांसदों का आरोप है कि नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं ग्रंथालय (एनएमएमएल) में ऐसे नेताओं के नामों को जगह दी जा रही है जिनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा है।

वहीं सरकार की ओर से शून्यकाल में संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘आजादी की लड़ाई में केवल नेहरू एवं गांधी परिवार ने ही योगदान नहीं दिया, बल्कि लाखों अन्य नेताओं ने भी कुर्बानियां दी थीं और उनके बलिदान को भुला दिया गया।‘

नकवी ने कहा, ‘हम उन नेताओं को सम्मान दे रहे हैं जिनके आजादी की लड़ाई में योगदान को वह स्थान नहीं दिया गया जो दिया जाना चाहिए था। हम वह इतिहास दिखाएंगे जिसे आपने छिपाया है। हम उसे भी आगे ले जाएंगे जिसे आपने दिखाया है।‘

उन्होंने कहा कि सरकार दुनिया को उन नेताओं की भूमिका, उनका योगदान बताएगी जिन्हें भुला दिया गया। उन्होंने कहा, हमारा इरादा देश के महान नेताओं का अपमान करने का नहीं है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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