मुख्य समाचार
सीएम से मीटिंग के बाद यूपी के मीट कारोबारियों की हड़ताल खत्म
लखनऊ। राजधानी में पिछले पांच दिन से हड़ताल पर बैठे मीट कारोबारियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद इसकी घोषणा की गई। अवैध बूचडख़ानों के खिलाफ सख्ती के बाद उत्तर प्रदेश में मीट कारोबारी हड़ताल पर चले गए थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ और मीट कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक सीएम आवास पर हुई। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मीट कारोबारियों के साथ बैठक सकारात्मक रही लेकिन अवैध बूचडख़ानों को राहत नहीं मिल पाएगी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने मीट कारोबारियों से एनजीटी के नियमों का पालन करने को कहा। साथ ही पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अवैध मीट कारोबारियों पर जाति-धर्म देखकर कार्रवाई न करें।
बैठक में सीएम योगी ने कहा कि अवैध कारोबार पर एक्शन बंद नहीं होगा, लेकिन मीट के कारोबारियों को अपनी गलतियां सुधारने का मौका दिया जाएगा। कारोबारी अपने लाइसेंस को रिन्यू करवाएं। बूचडख़ानों और मीट की दुकानों को नियमों और सही तरीकों से ही चलाएं, जिनके पास लाइसेंस हैं वो नियम का पूरा पालन करें।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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